हिसार लोकसभा सीट पर चौटाला परिवार के 3 सदस्यों के बीच लड़ाई, ससुर, जेठानी और देवरानी आमने-सामने

शुभम गुप्ता

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Haryana Loksabha Elections 2024: हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर छठे चरण के तहत 25 मई को वोट डाले जाएंगे. हरियाणा की सभी सीटों में से हिसार लोकसभा सीट इस बार के चुनाव में काफी चर्चा बटौर रही है. कारण है पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल का परिवार. इस सीट पर उनके परिवार से ही तीन सदस्य मैदान में हैं. तीनों सदस्य अलग-अलग दलों से मैदान में ताल ठोकते नजर आ रहे है. चुनावी मैदान में दो बहुएं आपस में चुनाव लड़ रही है जो रिश्ते में जेठानी और देवरानी लगती हैं और दोनों के सामने उनके ससुर भी उम्मीदवार हैं. संसद पहुंचने के लिए पूरे परिवार में भंयकर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. आइए समझते है क्या है पूरा माजरा.

चौटाला परिवार में सियासी संग्राम

उप प्रधानमंत्री देवीलाल के चार बेटे हुए- ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत चौटाला और जगदीश चौटाला. बीजेपी ने रणजीत चौटाला को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद रणजीत चौटाला बीजेपी में शामिल हो गए. वे 2019 के विधानसभा चुनाव में वह निर्दलीय विधायक चुने गए थे. वहीं ओमप्रकाश चौटाले के बड़े बेटे अजय चौटाले की पत्नी नैना चौटाला को जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने टिकट दिया है. नैना चौटाला पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मां हैं.

इनेलो ने पूर्व उप प्रधानमंत्री के बेटे प्रताप चौटाला की बहू सुनैना चौटाला को मैदान में उतारा है. सुनैना दिवंगत प्रताप चौटाला के बेटे रवि चौटाला की पत्नी हैं, जो देवीलाल के सबसे छोटे बेटे थे. इस प्रकार नैना और सुनैना देवरानी और जेठानी लगती हैं.

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विरासत की है लड़ाई

चौटाला परिवार के अंदर ये लड़ाई देवीलाल के असली उत्तराधिकारी को लेकर है. अभय चौटाला परिवार का कहना है कि पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल ने अपना उत्तराधिकारी ओम प्रकाश चौटाला को बनाया था और वो ही उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. इसलिए इनेलो ही देवीलाल की असली उत्तराधिकारी है.

वहीं, जेजेपी का कहना है कि वे देवीलाल के दिखाए रास्ते पर चल रहे है जिसे हरियाणा की जनता जानती और मानती है.

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कैसे थे पिछले चुनाव के नतीजे

2019 में बीजेपी के बृजेंद्र सिंह ने यहां से चुनाव जीता था. उनके सामने देवीलाल के पोते जेजेपी से दुष्यंत चौटाला और कांग्रेस के कैंडिडेट भव्य बिश्नोई मैदान में थे. अब मौजूदा सांसद बृजेंद्र सिंह वापस कांग्रेस में चले गए हैं और जेजेपी और बीजेपी का गठबंधन खत्म हो गया है. वहीं, कांग्रेस ने जय प्रकाश को मैदान में उतारा है. जय प्रकाश इस सीट से तीन बार निर्वाचित हुए लेकिन हर बार अलग पार्टी से. साल 2004 में कांग्रेस ने यहां से चुनाव जीता था. तब जयप्रकाश ही सांसद चुने गए थे. जेपी कांग्रेस के अलावा जनता दल और हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर यह सीट जीत चुके हैं.

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