बुरे फंसे DK Shivakumar, वाटर फॉर वोट की बिजनेस डील फेल! जानिए पूरा मामला

रूपक प्रियदर्शी

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DK Shivakumar: विपक्ष के नेताओं को चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर शक है. ईवीएम को लेकर शुरू हुआ विवाद में पूरा चुनाव आयोग लपेटे में है लेकिन चुनाव के बीच चुनाव आयोग ने ऐसा एक्शन लिया है जिससे भेदभाव करने वाले विपक्ष के आरोप कमजोर पड़ जाएंगे. कर्नाटक में 26 अप्रैल को पहले फेज की वोटिंग से ठीक पहले चुनाव आयोग ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार पर एफआईआर के आदेश दिए हैं.

डीके शिवकुमार पर आरोप है चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का. चुनाव आयोग का चाबुक चला तो बीजेपी और जेडीएस के बड़े नेता भी लपेटे में आ गए. 

बीजेपी-कांग्रेस के दिग्गजाों पर चुनाव आयोग का डंडा

चुनाव को लेकर गलत बयानाबाजी करने पर जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी पर केस दर्ज हुआ है और उनके अलावा कर्नाटक में बीजेपी के सबसे बड़े नेता येदियुरप्पा के बेटे और कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष वाई वी विजयेंद्र पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए गए पोस्ट के कारण एफआईआर हुई है. तीनों पार्टियों के दिग्गज इसलिए फंसे कि एक-दूसरे की पार्टियों ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव आयोग ने शिकायत की थी.

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पानी देने का वादा डीके पर पड़ा भारी!

डीके शिव कुमार कर्नाटक से लेकर केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में कांग्रेस के स्टार कैंपेनर हैं. उनके प्रचार को बीजेपी बहुत सीरियसली लेती है. डीके शिव कुमार खुद तो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन, बैंगलोर रूरल सीट से उनके भाई डीके सुरेश कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. डीके सुरेश के लिए आरआर नगर में रेसिडेंशियल अपार्टमेंट  सोसाइटीज में प्रचार करने पहुंचे. पानी के लिए तरसते लोगों से डीके शिव कुमार ने वादा कर दिया कि अगर मेरे भाई को वोट दिया तो कावेरी नदी से पानी लाकर देंगे. 

इसी बात की शिकायत बीजेपी ने कर दी. चुनाव के नियमों के मुताबिक चुनाव शुरू होने पर सरकार में बैठे नेताओं को इस तरह के वादे करने की मनाही होती है. डीके ने तो कह दिया कि वोट दो, पानी लो. बीजेपी ने वाटर फॉर वोट शिकायत कर दी तो चुनाव आयोग ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए एफआईआर करा दी. डीके पर दर्ज एफआईआर में घूसखोरी और चुनावों में अनुचित प्रभाव डालने का आरोप लगा है.

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कर्नाटक में पानी की किल्लत

कर्नाटक में आजकल पानी बहुत कीमती है. कावेरी नदी को लेकर राजनीति तो 30-40 साल से भी पुरानी है. विधानसभा चुनावों के बाद बैंगलोर में पानी को लेकर इतना त्राहिमाम मचा कि पूछिए मत. पानी की राशनिंग करनी पड़ी. पानी के बेजा इस्तेमाल पर केस-मुकदमों की नौबत आ गई. अभी भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं. 

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लोग पिछले दो महीनों से पानी के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं शहर को कावेरी नदी और ग्राउंड वाटर से पानी मिलता है. कम बारिश होने से पानी की सप्लाई पर असर पड़ा. बेंगलुरु शहर को रोज 2600 से 2800 मिलियन लीटर पानी की जरूरत होती है लेकिन मिल रहा है बिलकुल आधा. हो सकता है बैंगलोर की हर लोकसभा सीटों पर पानी ही सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन जाए. 

कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों के लिए 26 अप्रैल और 7 मई को दो फेज में वोटिंग होगी. बैंगलोर में लोकसभा की दो सीटें हैं. एक सीट रूरल कहलाती है जहां से डीके सुरेश चुनाव लड़ रहे हैं. साउथ सीट से बीजेपी के नौजवान नेता तेजस्वी सूर्या चुनाव मैदान में हैं.
 

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