अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं? इस सवाल पर राहुल गांधी ने करीब-करीब साफ कर दी स्थिति

शुभम गुप्ता

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Rahul Gandhi on Amethi: उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट चर्चा का विषय बनी हुई है. 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी की स्मृति इरानी ने कांग्रेस के उम्मीदवार राहुल गांधी को हराया था. अमेठी में पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होनी है. फिलहाल कांग्रेस ने यहां पर अपना कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.  पार्टी की ओर लगातार से ये मांग उठाई जा रही है कि राहुल गांधी को इस सीट पर टिकट दिया जाए. अब ये चर्चा तेज है कि ऑन डिमांड राहुल गांधी वायनाड में वोटिंग होने के बाद अमेठी से चुनाव लड़ने आ सकते हैं. 

आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गाजियाबाद में एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान जब पत्रकार ने राहुल गांधी से अमेठी से चुनाव लड़ने के सवाल किया तो जवाब में बोला कि उन्होंने ये फैसला पार्टी के ऊपर छोड़ दिया है. 

जानिए क्या बोले राहुल गांधी

अमेठी से चुनाव लड़ने पर राहुल गांधी ने वहां से चुनाव लड़ने पर इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि 'पार्टी की ओर से जो आदेश दिया जाएगा वो करेंगे. हमारी पार्टी में ये सभी फैसले CEC द्वारा लिए जाते हैं.'

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क्या वायनाड में वोटिंग के बाद अमेठी से पर्चा भरेंगे राहुल?

राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं और इस सीट से उन्होंने फिर एक नामांकन दाखिल किया है. वायनाड में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है. अमेठी में 27 अप्रैल से नामांकन शुरू हो जाएगा. कांग्रेस इस बात पर काफी ध्यान दे रही है कि वायनाड में गलत मैसेज न जाए कि राहुल अमेठी से चुनाव जीत गए तो वायनाड छोड़ देंगे. कहा जा रहा है कि बीजेपी द्वारा ये प्रोपगेंडा सेट किया जा रहा है कि राहुल गांधी वायनाड को ठगने की तैयारी में हैं. 

वायनाड से नामांकन दाखिल करने पर बीजेपी ने राहुल को घेरा था

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पिछले आम चुनाव में अमेठी से वायनाड से चुनाव लड़े थे. उन्हें चुनाव के नतीजों में  अमेठी से हार और वायनाड से जीत मिली. इस बार राहुल ने वायनाड में नामांकन भर दिया है जिसको लेकर सत्तारुढ़ पार्टी बीजेपी उनपर हमलावर है. अमेठी से बीजेपी कैंडिडेट स्मृति इरानी ने कहा कि उन्होंने ( राहुल गांधी) वायनाड से पर्चा भरा, उसी दिन उन्होंने लिखकर घोषित कर दिया कि वायनाड मेरा परिवार है. अमेठी ने भी उनको परिवार माना था. मैंने लोगों को रंग बदलते देखा था, लेकिन परिवार बदलते पहली बार राहुल गांधी को देखा है. राहुल ने अपना परिवार बदल लिया है.

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अगर राहुल अमेठी से लड़े चुनाव तो बढ़ेगी बीजेपी की मुश्किलें? 

यूपी में कांग्रेस और सपा की बीच गठबंधन हुआ है. अलायंस के तहत अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस के खाते में आई है. समाजवादी पार्टी पिछले 25 साल से इन दोनों सीटों पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारती है. अमेठी में सपा और कांग्रेस मिलकर बीजेपी उम्मीदवार स्मृति इरानी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं. 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ा था जब राहुल गांधी सिर्फ 55 हजार वोटों से हारे थे. अगर इस बार राहुल अमेठी से चुनाव लड़ते हैं तो इस सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है.

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