राजस्थान में वोटिंग से पहले ही BJP उम्मीदवार बने मंत्री, कांग्रेस ने उठाए सवाल, नियम क्या है?
राजस्थान में चुनाव नतीजे आने और सरकार बनने के बाद शनिवार, 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. राज्यपाल कलराज मिश्रा ने 22 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई. जिसमें 12 कैबिनेट मंत्रियों समेत 5 राज्य मंत्री और 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल हैं.
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Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में चुनाव नतीजे आने और सरकार बनने के बाद शनिवार, 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. राज्यपाल कलराज मिश्रा ने 22 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई. जिसमें 12 कैबिनेट मंत्रियों समेत 5 राज्य मंत्री और 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल हैं. बीजेपी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कैबिनेट में श्रीकरणपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए उतारे गए बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है. माना जा रहा है कि चुनाव में वोटिंग और नतीजे से पहले किसी को मंत्री बनाने का पहला मामला है.
श्रीकरणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत कुन्नर के निधन के बाद वहां चुनाव रद्द हो गया था. अब इस सीट पर 5 जनवरी को चुनाव होना है. कांग्रेस ने बीजेपी के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. कांग्रेस का आरोप है कि 5 जनवरी को होने वाले चुनाव को प्रभावित करने के लिए बीजेपी ने ऐसा किया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि “भाजपा का अहंकार सातवें आसमान पर है. भाजपा ने चुनाव आयोग को ठेंगा दिखाकर आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन करते हुए श्रीकरणपुर से भाजपा प्रत्याशी श्री सुरेंद्रपाल टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाई है.”
#WATCH राजस्थान में दिल्ली से पर्ची आ ही गई और आज राजस्थान में 22 मंत्रियों ने शपथ ली है…सुरेंद्र पाल टीटी जो श्रीकरणपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं, वहां 5 जनवरी को चुनाव होने हैं। उनको मंत्री पद की शपथ दिलाकर श्रीकरणपुर के मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है। भाजपा न… pic.twitter.com/2WJJJk4fBG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 30, 2023
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वहीं इंडियन यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि “क्या चुनाव आयोग की बीजेपी में विलय होने की तैयारी है?”
क्या चुनाव आयोग जिंदा है?
राजस्थान के श्रीकरणपुर में मतदान के पूर्व ही भाजपा ने विधायक 'उम्मीदवार' को मंत्री शपथ दिला दी है।
आचार सहिंता लगी हुई है, मतदान हुआ नही है, उम्मीदवार विधायक बना नही है,
आजाद भारत में ये संभवत: पहला मामला है@ECISVEEP– अब BJP में विलय की तैयारी है?
— Srinivas BV (@srinivasiyc) December 30, 2023
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किसी शख्स के मंत्री बनने का नियम क्या है?
क्या कोई शख्स विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य हुए बिना मंत्री या मुख्यमंत्री बन सकता है? ऐसा पहले भी हो चुका है कि विधायक या एमएलसी लोग बाद में बने और मंत्री यहां तक कि मुख्यमंत्री पहले बन गए. उत्तराखंड के पिछले विधानसभा चुनाव में पुष्कर धामी को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया. बाद में वह उपचुनाव जीत गए और उनका पद सुरक्षित हुआ. राजस्थान का मामला अनोखा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बीजेपी ने उपचुनाव में जिस उम्मीदवार को उतारा है, वोटिंग से पहले उसे ही मंत्री बना दिया है. कांग्रेस इसे चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बता रही है. उसका तर्क है कि इससे मतदाताओं को प्रभावित किया जा रहा है.
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संविधान क्या कहता है: संविधान के अनुच्छेद 164 में मंत्रियों के बारे में व्यवस्था दी गई है. अनुच्छेद 164 (1) कहता है कि राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करेगा और सीएम की सलाह पर दूसरे मंत्रियों की नियुक्ति करेगा. यानी राज्यपाल मुख्यमंत्री की सलाह पर किसी व्यक्ति को मंत्री बना सकता है. वहीं संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के मुताबिक अगर कोई मंत्री लगातार छह महीने की किसी अवधि तक राज्य के विधान मंडल का सदस्य नहीं है, तो उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा. यानी मंत्री बनाए जाने के 6 महीने के अंदर विधानमंडल के लिए निर्वाचित होना होगा. राजस्थान के केस में उपचुनाव के नतीजे अगर बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ रहे, तो भी उनके पास मंत्री बनाए जाने से लेकर 6 महीने की अवधि तक निर्वाचित होकर मंत्री पद बचाने का मौका होगा.
राजस्थान में 20 विधायक पहली बार मंत्री बने
22 मंत्रियों में शपथ लेने वालों में से 17 मंत्रियों ने पहली बार मंत्रिपद की शपथ ली है. अगर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को जोड़ लिया जाए तो कुल 25 मंत्रियों में से 20 पहली बार मंत्री बने हैं. भजनलाल शर्मा कैबिनेट में दो महिलाओं को भी शामिल किया गया है. जिसमें उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी के अलावा नागौर जिले के जायल से विधायक मंजू बाघमार शामिल हैं.
सांसदी छोड़कर विधानसभा का चुनाव लड़े किरोड़ीलाल मीड़ा, राज्यवर्धन राठौर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और दो उप-मुख्यमंत्रियों को मिलाकर राज्य में कुल मंत्रियों की संख्या 25 हो गई है. राजस्थान में अधिकतम 30 विधायक मंत्रिपद की शपथ ले सकते हैं. संविधान के 91वें संविधान संशोधन हिसाब से राज्यो में कुल विधायकों की संख्या के 15 फीसद से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं. इस लिहाज से राज्य में 5 विधायक और मंत्रिपद की शपथ ले सकते हैं. अशोक गहलोत वाली कांग्रेस सरकार में कुल 23 मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल थे.
भजनलाल शर्मा कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्री
कैबिनेट मंत्री
1- किरोड़ी लाल मीणा
2- गजेंद्र सिंह खींवसर
3- राज्यवर्धन सिंह राठौड़
4- बाबूलाल खराड़ी
5- मदन दिलावर
6- जोगाराम पटेल
7- सुरेश सिंह रावत
8- अविनाश गहलोत
9- जोराराम कुमावत
10- हेमंत मीना
11- कन्हैया लाल चौधरी
12- सुमित गोदारा शामिल
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
13- संजय शर्मा
14- गौतम कुमार
15- झाबर सिंह खर्रा
16- सुरेंदर पाल सिंह (टीटी)
17- हीरालाल नागर
राज्य मंत्री
18- ओटाराम देवासी
19- डॉ मंजू बाघमार
20- विजय सिंह चौधरी
21- कृष्ण कुमार बिश्नोई
22- जवाहर सिंह बेडम
राजस्थान विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को हुए थे. 3 दिसंबर को नतीजे आने के 12 दिन बाद यानी 15 दिसंबर को भजन लाल शर्मा ने राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उनके साथ प्रेम चंद बैरवा और दीया कुमारी को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया था.
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