शिवराज ‘राज’ समाप्त! मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बनेंगे मोहन यादव, कौन हैं ये?

देवराज गौर

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madhya pradesh chief minister mohan yadav
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Madhya Pradesh Chief Minister: भारतीय जनता पार्टी की पर्यवेक्षक बैठक की दल से एक दम चौंकाने वाला नाम सामने आया है. मध्य प्रदेश में शिवराज राज को समाप्त कर अब मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे मोहन यादव. राजधानी भोपाल के दीनदयाल परिसर यानी बीजेपी कार्यालय में बीजेपी विधायक दल के साथ चल रही पर्यवेक्षकों की बैठक में यह फैसला लिया गया है. बीजेपी ने राज्य की 230 सीटों में से 163 सीटों पर जीत दर्ज कर प्रचंड बहुमत हासिल किया था. हालांकि, पार्टी चुनावों में मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ नहीं उतरी थी. आज नतीजे आने के एक सप्ताह बाद पर्यवेक्षकों के साथ हुई विधायकों की बैठक में मोहन यादव को विधायक दल का नेता चुना गया है.

महाकाल की नगरी उज्जैन से हैं विधायक

मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा से विधायक हैं. वह पहली बार 2013 में विधायक बने. 2018 में भी अपना चुनाव जीतने में सफल रहे. 2023 में जब उन्होंने लगातार तीसरी बार विधायक का चुनाव जीता तो अब विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुल लिया गया है. शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मोहन यादव कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं.

मोहन यादव के पिता के नाम पूनमचंद यादव है. उनका जन्म 25 मार्च 1965 को उज्जैन में हुआ है. मोहन यादव के 2 बेटे और एक बेटी है. मध्य प्रदेश के नए सीएम होने जा रहे मोहन यादव ने बीएससी, एलएलबी के अलावा राजनीति विज्ञान से एमम, एबीए और पीएचडी कर रखी है.

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दिग्गजों को छोड़ मोहन के नाम पर लगी मुहर

इससे पहले शिवराज सिंह चौहान के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय, नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और वीडी शर्मा का नाम रेस में बताया जा रहा था. पार्टी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पर मुहर लगाने के लिए केन्द्रीय पर्यवेक्षक दल के तौर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष डॉ के लक्ष्मण और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा को भोपाल भेजा था.

मोहन यादव को मध्य प्रदेश का 29वां मुख्यमंत्री चुना गया है. 2018 में 15 महीने के कांग्रेस के कार्यकाल को छोड़कर शिवराज सिंह चौहान 2003 से लगातार चार बार यानी 18 साल से अधिक तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बीजेपी ने मध्य प्रदेश में इस बार 163 का आंकड़ा छुआ है. 2018 के पिछले चुनावों में पार्टी सिर्फ 109 सीटें हासिल कर पाई थीं. यानी बहुमत के आंकड़े से 7 सीटें कम.

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