MP चुनाव: इस बार BJP में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार, क्या काम करेगी ये रणनीति?
बीजेपी ने मध्य प्रदेश चुनाव में अपनी टॉप लीडरशिप उतार कर खेल कर दिया है. विपक्ष के साथ-साथ पार्टी के अंदर भी लोग इसे पचा…
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बीजेपी ने मध्य प्रदेश चुनाव में अपनी टॉप लीडरशिप उतार कर खेल कर दिया है. विपक्ष के साथ-साथ पार्टी के अंदर भी लोग इसे पचा नहीं पा रहे है. प्रदेश में 15 सालों से पार्टी के फेस शिवराज ही रहे और लगातार मुख्यमंत्री बनते रहे. पार्टी ने उन्हें आगे रखते हुए ही हर चुनाव लड़ा है. लेकिन इस बार रणनीति बदली गई है और नतीजा ये हुआ कि सीएम पद के कई उम्मीदवार नजर आ रहे हैं.
बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार
बीजेपी ने एमपी में अबतक तीन केन्द्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को टिकट दिया है. केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते और पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा है. ये सभी हैवीवेट नेता हैं और इनकी बयानबाजी इशारा कर रही है कि कहीं न कहीं सीएम पद की रेस में ये खुद को भी देख रहे हैं. इनके अलावा कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी चुनाव लड़ने की अटकलें हैं और उन्हें भी सीएम पद का दावेदार समझा जा रहा है.
इमोशनल शिवराज क्या इशारे कर रहे?
शायद शिवराज सिंह चौहान भी जान रहे हैं कि अगर बीजेपी को जीत मिलती है, तो उनके लिए सीएम पद की रेस आसान नहीं होगी. इस बीच उनके इमोशनल बयान चर्चा में हैं. “क्या मैं अच्छी सरकार नहीं चला रहा हूं, क्या मामा को फिर से सीएम नहीं बनना चाहिए और अगर मैं चल जाऊंगा तो बहुत याद आऊँगा”, जैसे इमोशनल बयान शिवराज रैलियों में दे रहे हैं. ऐसे बयानों से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्हें भी अपने राजनीतिक ढलान का आभास हो गया है.
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बीजेपी ने पिछली बार जोड़-तोड़ कर बनायी थी सरकार
2018 के चुनावों में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला था.कांग्रेस को बीजेपी से ज्यादा सीटें मिली थी. कांग्रेस सरकार में कमलनाथ सीएम बने. पर बीजेपी ने सिंधिया और उनके समर्थित विधायकों को तोड़ कर सरकार बना ली थी. शिवराज सरकार के सामने एंटी इनकम्बेंसी की चुनौती बतायी जा रही है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है की बीजेपी के सामने आज वही चुनौती है, जो कांग्रेस के सामने 2013 और 2018 के चुनावों में थी. पार्टी इससे पहले हिमाचल और कर्नाटक में बिना CM फेस के चुनाव लड़ी थी पर उसे हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस CM फेस पर कमलनाथ को लेकर श्योर है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि चुनावों में कौन बाजी मार पाता है. क्या हैवीवेट नेताओं को उतारने की रणनीति बीजेपी के काम आती है या नहीं, इसपर भी नजर रहेगी
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