चंडीगढ़ मेयर चुनाव की वोटिंग का वायरल वीडियो देखकर भड़क गए चीफ जस्टिस, SC ने दिया ये आदेश
Supreme Court on Chandigarh mayoral polls: चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किए गए आदेश में सुप्रीम…
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Supreme Court on Chandigarh mayoral polls: चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किए गए आदेश में सुप्रीम कोर्ट का रौद्र रूप देखने को मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलेक्शन के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होकर मेयर चुनाव के लिए वोटिंग के समय के वायरल वीडियो में दिख रहे अपने व्यवहार-बर्ताव पर अपना पक्ष रखने के साथ कोर्ट के सवालों का जवाब देना होगा. सात फरवरी को होने वाले चंडीगढ़ निगम के बजट सेशन को भी कोर्ट ने अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 19 फरवरी को सुनवाई करेगा.
आपको बता दें कि चंडीगढ़ में 30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस और AAP के संयुक्त प्रत्याशी को हरा दिया. मेयर पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा के मनोज सोनकर ने AAP के कुलदीप कुमार को हराया था. कुलदीप को कांग्रेस का समर्थन था. कांग्रेस और AAP के पास कुल 20 वोट थे और बीजेपी के 15. चुनाव रिजल्ट आया, तो बीजेपी के मनोज सोनकर को 16 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को 12 वोट मिले थे. आठ वोट को अवैध घोषित किया गया. आम आदमी पार्टी (आप) के एक पार्षद ने चुनाव में धांधली की याचिका लगाई जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की जब सोमवार को सुनवाई शुरू हुई तो याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी के आग्रह पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदी वाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने वोटिंग के दौरान का वीडियो देखा. असल में AAP और कांग्रेस ने इस वीडियो में दिख रहे पीठासीन अधिकारी पर धांधली का आरोप लगाया है. वीडियो देखते ही कोर्ट के तेवर सख्त हो गए. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि, ‘निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ मुकदमा होना चाहिए। ये लोकतंत्र का मजाक है/ रिटर्निंग अफसर का ये कैसा चारित्र है?’ चीफ जस्टिस ने कहा कि यहां क्या हो रहा है?
चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव था। BJP के पास बहुमत नहीं था लेकिन चुनाव भाजपा जीत गई.. जानने के लिए क्रोनोलाजी समझिए?
कुल 36 सीट थी। Congress और AAP गठबंधन के पास 20 वोट थे और BJP के पास 16 वोट। इसके बाद BJP के नेता को पीठासीन अधिकारी बनाया गया।
वीडियो में वही अधिकारी Congress और… pic.twitter.com/I80b4U5Buk
— Congress (@INCIndia) January 30, 2024
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इसपर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट ने एक ही पक्ष देखा है, हम विस्तृत वीडियो कोर्ट के सामने लाएंगे. चीफ जस्टिस ने कहा कि, ‘लाइए वो वीडियो भी लाइए. रिटर्निंग अफसर कैमरे में क्यों देख रहा है? बैलेट पेपर भी खराब दिख रहे हैं. बैलेट पेपर, चुनाव की सभी सामग्री और रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जाएं. शाम पांच बजे तक सभी रिकॉर्ड चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर को सील कवर में सौंपे जाएं. डिप्टी कमिश्नर उसे पूरी सुरक्षा से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को पहुंचाए.’
यहां लोकतंत्र की हत्या हुई है: चीफ जस्टिस
चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या ये बैलेट पेपर हैं? वो हिस्सा कहा है जिसमें आप दावा कर रहे है की ऑफिसर बैलेट पेपर ले कर चले गए? ये लोकतंत्र का मजाक है. यहां लोकतंत्र की हत्या हुई है. ये रिटर्निंग ऑफिसर क्या कर रहा है? हम नहीं चाहते कि देश में कहीं भी लोकतंत्र की हत्या हो. वीडियो में दिख रहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर कैमरे की तरफ क्यों देख रहा है?’
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आपको बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव का मामला पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सामने भी लाया गया था. लेकिन वहां से AAP के याचिकाकर्ता को कोई अंतरिम राहत नहीं मिली थी.
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