Ram Mandir Inauguration: नागर शैली, लोहे का इस्तेमाल नहीं… अयोध्या के भव्य राम मंदिर की ये हैं 10 बड़ी खासियतें

अभिषेक

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Ram Mandir
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Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में राम मंदिर सज कर तैयार हो चुका है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर को लेकर चला 500 सालों पुराना आंदोलन अपने संपूर्ण वैभव को पहुंच चुका है. अयोध्या में बना राम मंदिर भारत की स्थापत्य कला का अद्भुत नजारा पेश करता है. इस मंदिर के निर्माण में एक अनुमान के मुताबिक 1800 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं. मंदिर इतना खास है कि साल में एक दिन रामलला का अभिषेक सूरज की किरणें भी करने वाली हैं. राम मंदिर को नागर शैली में तैयार किया गया है. यह मंदिर तीन मंजिला है और हर मंजिल की अपनी खासियतें हैं.

आइए आपको इस भव्य राम मंदिर की 10 प्रमुख खास बातें बताते हैं.

1. अयोध्या में बना राम मंदिर, मंदिर निर्माण की परम्परागत ‘नागर शैली’ में बनाया गया है. देश में मंदिर निर्माण की दो प्रमुख शैलियां नागर और द्रविड़ शैली है. उत्तर भारत में नागर तो वहीं दक्षिण भारत में द्रविड़ शैली के मंदिर बनाने की परंपरा है.

2. मंदिर की सबसे दिलचस्प बात ये है कि इसका निर्माण बिना लोहे के प्रयोग के किया गया है. मंदिर के निचले तल पर 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट यानी RCC ढलाई की गई है जिसे कृत्रिम चट्टान का रूप देते हुए मंदिर का बेस बनाया गया है.

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3. रामलला का मंदिर तीन मंजिला है. यह 380 फुट लंबा, 250 फुट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है. वहीं मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 दरवाजे होंगे.

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4. मंदिर के मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप ‘रामलला’ की प्रतिमा रहेगी. प्रथम तल पर राम दरबार यानी प्रभु राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी विराजमान होंगे. मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा. मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की भी व्यवस्था की गई है.

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5. मंदिर में 5 मंडप- नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप होंगे. साथ ही मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे.

6. मंदिर के दक्षिण पश्चिम भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णो‌द्धार किया गया है और वहीं जटायु की प्रतिमा की स्थापना की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इनके भी दर्शन करेंगे.

7. परिसर में ही 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है, जहां तीर्थयात्रियों के सामान रखने के लिए लॉकर के साथ ही चिकित्सा व्यवस्था की भी सुविधा रहेगी. मंदिर परिसर में स्नानघर, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधाएं भी रहेगी.

8. मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा. इस परकोटा के चारों छोरों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति और भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा. मंदिर के उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर बनेगा.

9. राम मंदिर को बाहरी संसाधनों पर निर्भरता कम करने के लिए परिसर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था और पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है.

10. मंदिर का निर्माण पूरी तरह से भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है. पर्यावरण और जल संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. मंदिर के कुल 70 एकड़ के परिसर का 70 फीसदी भाग पर हमेशा हरित क्षेत्र बनाए रखने का प्लान है.

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