तेलंगाना में आपकी छवि मां जैसी… सोनिया गांधी के लिए रेवंत की इस बात में छिपी सियासत समझिए

रूपक प्रियदर्शी

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Lok Sabha Election 2024: तेलंगाना में आपकी छवि मां जैसी, इस बार यहीं से लड़ें लोकसभा चुनाव- सोनिया गांधी से यही कहने के लिए बीते दिन तेलंगाना से दिल्ली आए थे सीएम रेवंत रेड्डी. सोनिया गांधी से 10 जनपथ पर मिलते वक्त रेवंत रेड्डी के पास वो प्रस्ताव भी था जिसे तेलंगाना कांग्रेस कमेटी ने पास किया था. प्रस्ताव ये था कि, आगामी लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी तेलंगाना से चुनाव लड़ें. खबर ये भी है कि, तेलंगाना कांग्रेस ने खम्मम, नालगोंडा और महबूबनगर की सीटें सोनिया के लिए शार्ट लिस्ट भी कर ली है. सबसे ज्यादा चर्चा खम्मम सीट की है. जानकारी ये है कि, रेवंत रेड्डी ने भी सोनिया गांधी को ऑफर दिया कि, खम्मम से लड़िए. वैसे सोनिया गांधी ने रेवंत से बस इतना ही कहा कि, सही समय पर सही फैसला लेंगी.

सोनिया गांधी लोकसभा चुनाव लड़ेंगी क्या? सोनिया गांधी राज्यसभा के रास्ते संसद पहुंचेंगी क्या? सोनिया गांधी चुनाव लड़ेंगी तो क्या रायबरेली से ही लड़ेंगी? अगर रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेंगी तो फिर कहां से लड़ेंगी? अगर रायबरेली से सोनिया नहीं लड़ीं तो फिर कौन उनकी सीट से लड़ेगा? लोकसभा चुनाव में 100 से कम दिन का समय है. सोनिया गांधी की पॉलिटिक्स को लेकर बहुत ज्यादा सस्पेंस हैं. इन सबका जवाब या तो गांधी परिवार के पास है या ये भी संभव है कि परिवार में भी अभी मन न बना हो.

लोकसभा या राज्यसभा सोनिया गांधी का क्या हैं प्लान?

लोकसभा चुनाव से पहले इसी महीने राज्यसभा का चुनाव होना है. अगर सोनिया गांधी ने राज्यसभा का रास्ता चुना तो हिमाचल, तेलंगाना, कर्नाटक-कांग्रेस शासित किसी भी राज्य से आसानी से राज्यसभा पहुंच सकती हैं. और अगर उन्होंने ठाना है कि, राज्यसभा नहीं जाना है तो टिकट बंटने तक ये सस्पेंस रहेगा कि सोनिया गांधी का क्या होगा. कांग्रेस की पॉलिटिक्स धीरे-धीरे दक्षिण की हो चली है. कर्नाटक, तेलंगाना में सरकारें बन गईं. कांग्रेस के सर्वाधिक लोकसभा सांसद तमिलनाडु और केरल से ही चुने गए हैं.

इंदिरा गांधी ने भी दक्षिण से ही की थी वापसी

गांधी परिवार के लिए दक्षिण इस मायने में लकी रहा है क्योंकि 1977 में चुनाव हारने के बाद इंदिरा गांधी ने भी नई पारी कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट से शुरू की थी. 1978 में पहली बार इंदिरा गांधी चिकमंगलूर से चुनाव लड़कर धमाकेदार वापसी थी, रायबरेली, अमेठी गांधी परिवार की खानदानी सीट मानी जाती है. 2004 से राहुल गांधी अमेठी से और सोनिया रायबरेली से जीतते रहे लेकिन 2019 में अमेठी में राहुल गांधी के हार जाने से अमेठी-रायबरेली का समीकरण बुरी तरह बिगड़ा है. रायबरेली में सोनिया गांधी की राह भी मुश्किल मानी जा रही है. खम्मम जैसी सीट से ऑफर का इशारा भी यही है कि पार्टी के जिम्मेदार नहीं चाहते कि सोनिया गांधी फिर रायबरेली से चुनाव में उतरें.

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गांधी परिवार दक्षिण शिफ्ट होता है तो उत्तर भारत का क्या?

तेलंगाना हो या कर्नाटक या केरल या तमिलनाडु, दक्षिण के राज्यों को कांग्रेस अब सेफ मान सकती है. कर्नाटक, तेलंगाना में जीतने के बाद कांग्रेस पर दक्षिण का लेवल लगा है. राहुल गांधी पहले ही केरल के वायनाड जा चुके हैं. अगर सोनिया गांधी ने भी दक्षिण का रास्ता चुना तो कांग्रेस के लिए जवाब देना मुश्किल होगा कि उत्तर या हिंदी भारत में कांग्रेस की हालत कैसे सुधरेगी.

अब तेलंगाना की सीटों का गणित जान लीजिए

रेवंत रेड्डी ने सोनिया गांधी के लिए जो खम्मम, नलगोंडा, महबूबनगर सीटें शार्ट लिस्ट की है उसमें से किसी भी सीट पर कांग्रेस का अब मजबूत गढ़ नहीं है. तीनों सीटें उतार-चढाव वाली है . खम्मम कभी कांग्रेस का मजबूत किला होता था लेकिन अब नहीं है. 2004 के बाद पिछले तीन चुनाव कांग्रेस हार चुकी है. 2004 में कांग्रेस की रेणुका चौधरी आखिरी बार जीती थी. 2009 में टीडीपी, 20014 में वाईएसआरसीपी, 2019 में टीआरएस नेखम्मम की सीट बड़े अंतर से जीती. फिलहाल बीआरएस के एन नागेश्वर राव खम्मम के सांसद हैं. हालांकि विधानसभा चुनाव में खम्मम में कांग्रेस की जबर्दस्त लहर रही. कांग्रेस ने 9 विधानसभा सीटें निकाल लीं. शायद इसीलिए रेवंत रेड्डी को लग रहा है विधानसभा वाली लहर से सोनिया का बेड़ा हो जाएगा.

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नलगोंडा दूसरी सीट है जिसे सोनिया के लिए सेफ माना जा रहा है. नलगोंडा की सीट पिछले दो चुनावों से कांग्रेस जीत रही है. महबूबनगर तीसरी सीट है जिसे सोनिया के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया है. हालांकि महबूबनगर में पिछले तीन चुनावों से कांग्रेस नहीं जीती है. तीनों चुनावों में केसीआर खुद या उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस दूसरे या तीसरे नंबर की पार्टी रही.

सोनिया को ऐसी खम्मम सीट ऑफर की गई है जिसपर तेलंगाना कांग्रेस के बड़े नेताओं की नजर है. सोनिया से मिलते समय रेवंत रेड्डी के साथ डिप्टी सीएम भट्टी विक्रमार्क और मंत्री श्रीनिवास भी थे. भट्टी की पत्नी नंदिनी रेड्डी और श्रीनिवास रेड्डी के भाई प्रसाद रेड्डी भी दावेदार हैं. 2004 तक सांसद रेणुका चौधरी, टी नागेश्वर राव के बेटे टी युगांधर और वी हनुमंत राव भी दावेदार हैं. सोनिया राजी नहीं हुईं तो डिप्टी भट्टी सीएम की पत्नी विक्रमार्क पत्नी नंदिनी और रेणुका चौधरी के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है.

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