SC ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आठ अमान्य वोटों को बताया मान्य, AAP के कुलदीप कुमार बने नए मेयर

अभिषेक

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Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुए कथित हेर-फेर के मामले में सुप्रीम कोर्ट(SC) में आज सुनवाई हुई. SC ने रिटर्निंग ऑफिसर को जमकर लपेटते हुए इस बात के सख्त निर्देश दिया कि, मतपत्रों कि दोबारा काउंटिंग कराया जाए. इतना ही नहीं चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि, जिन आठ वोटों को अमान्य घोषित किया गया था अब दोबारा गिनती के दौरान उन्हें मान्य किया जाएगा. SC के आदेश के मुताबिक आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया गया है.

वैसे आपको बता दें कि, इससे पहले आप के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए थे. आप के तीन पार्षदों के पाला बदलने के बाद से आप और कांग्रेस के वोटों की संख्या 20 से घटकर 17 ही बची रह गई थी. इसमें कांग्रेस के सात और AAP के 10 पार्षद शामिल हैं. चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद है, जबकि एक सांसद का वोट मिलाकर 36 वोट डाले जाते है. इस तरह बहुमत का आंकड़ा 19 बैठता है, जिसका जुगाड़ बीजेपी ने कर लिया था. लेकिन SC के इस फैसले के बाद अगर अब फिर से मतों की गणना की गई जिसमे बहुमत का नंबर आप के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में आया और वो मेयर निर्वाचित हो गए.

30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर ने आम आदमी पार्टी (AAP) के आठ पार्षदों के वोटों को अवैध करार दिया गया था. आप ने अपने पार्षदों के वोट को अवैध करार दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसपर सीजेआई ने नेतृत्व वाली बेंच ने बीते सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि, रिटर्निंग ऑफिसर ने कुबूल किया था कि, उन्होंने ही बैलट पेपर पर क्रॉस लगाया था. कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर से पूछताछ के बाद मेयर चुनाव से संबंधित सारे ऑरिजनल वीडियो रिकॉर्डिंग और दस्तावेज मंगाए थे, जो आज कोर्ट रूम में पेश हुए. रिटर्निंग ऑफिसर का वीडियो और बैलेट पेपर भी कोर्ट रूम में जमा कर दिए गया.

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क्या है मामला?

बीजेपी ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की थी. मेयर पद के लिए हुए मतदान में बीजेपी के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया था. उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 के मुकाबले 16 वोट मिले थे वहीं आप के आठ पार्षदों के वोट को अवैध घोषित कर दिया गया था.

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