बिलकिस बानो केस को लेकर बीजेपी पर बरसे राहुल गांधी, जानें क्या-क्या कहा

News Tak Desk

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Congress Leader Rahul Gandhi
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Rahul Gandhi on Bilkis Bano: बिलकिस बानो रेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को पलटते हुए 11 दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. फैसले के बाद अब इस मामले पर सियासत शुरू हो गई है. विपक्ष ने बीजेपी की सरकार पर तीखे वार किए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया. राहुल ने लिखा, ‘चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है. आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर देश को बता दिया कि ‘अपराधियों का संरक्षक’ कौन है. बिलकिस बानो का अथक संघर्ष, अहंकारी भाजपा सरकार के विरुद्ध न्याय की जीत का प्रतीक है.’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है. प्रियंका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘अंततः न्याय की जीत हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार #BilkisBano के आरोपियों की रिहाई रद्द कर दी है. इस आदेश से भारतीय जनता पार्टी की महिला विरोधी नीतियों पर पड़ा हुआ पर्दा हट गया है. इस आदेश के बाद जनता का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास और मजबूत होगा. बहादुरी के साथ अपनी लड़ाई को जारी रखने के लिए बिल्किस बानो को बधाई.

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बिलकिस बानो गैंगरेप केस की बात करें, तो बिलकिस बानो और उनके परिवार के साथ ये घटना गुजरात में हुई थी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में दोषियों को साल 2008 में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. पिछले साल अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा को माफ करते हुए उन्हें रिहा कर दिया था. तब तक सभी दोषी लगभग 15 साल जेल में बिता चुके थे. सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई थी. जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को पलटते हुए 11 दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. SC ने फैसले में ये कहा कि, सजा पर माफी उसी राज्य की सरकार सुना सकती है, जिस राज्य में सजा का ऐलान हुआ हो, न कि उस राज्य की सरकार जहां क्राइम हुआ हो. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में दोषियों को सरेंडर करने का आदेश भी दिया है.

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बिलकिस बानो से जुड़ा पूरा केस सुनिए

साल 2002 में 27 फरवरी को गुजरात में गोधरा कांड हुआ था. इसी के बाद राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. इसी दंगे के बीच बिलकिस बानो फंस गई थी. दंगे से बचने के लिए वो अपनी 3 साल की बच्ची और परिवार के साथ गांव छोड़कर भाग गई. बिलकिस और उनका परिवार जहां छिपा हुआ था, वहां 3 मार्च 2002 को दंगाई भीड़ ने हमला कर दिया. भीड़ ने बिलकिस के साथ गैंग रेप किया. तब बिलकिस 21 साल की थीं और वो पांच महीने की गर्भवती भी थीं. भीड़ ने उनके परिवार के 7 सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था.

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बिलकिस बानो का यह मामला बहुत सुर्खियों में रहा. देश की सबसे बड़ी अदालत ने इसकी सीबीआई जांच का आदेश दिया. साल 2004 में इस मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले का ट्रायल अहमदाबाद हाई कोर्ट में शुरू हुआ. फिर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ये मामला मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया. साल 2008 में 21 जनवरी को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. वहीं 7 आरोपियों को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया गया था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी सीबीआई कोर्ट की सजा को बरकरार रखा था. 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एस मामले में गुजरात की सरकार से बिलकिस बानो को 50 लाख का मुआवजा के साथ नौकरी और घर देने का आदेश दिया था. साल 2022 में गुजरात सरकार ने इस केस में उम्रकैद पाए सभी आरोपियों को रिहा कर दिया था. इसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है.

 

 

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