CAA के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार पर सरकार से मांग लिया ये जवाब

अभिषेक

ADVERTISEMENT

Supreme Court-CAA hearing
Supreme Court-CAA hearing
social share
google news

Citizenship Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट में आज नागरिकता संशोधन ऐक्ट (सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट-CAA) पर रोक लगाने को लेकर याचिका पर सुनवाई हुई. सर्वोच्च अदालत ने CAA पर केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. SC एक इस फैसले से केंद्र की मोदी सरकार को फौरी राहत मिली है. पिछले दिनों जब केंद्र ने देश में CAA को लागू करने का ऐलान किया था तब कुछ लोगों ने इसका विरोध करते हुए इसपर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की थी. SC में आज उसी पर सुनवाई हुई. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला. 

बीते 11 मार्च 2024 को गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए CAA के लागू होने की घोषणा की थी. जिसपर आपत्ति दर्ज करते हुए SC में अपील दायर की गई. आज SC ने CAA पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. अब SC ने 8 अप्रैल तक केंद्र सरकार से इसपर जवाब मांगा है, वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी. 

कोर्ट में क्या-क्या हुआ?

CAA पर रोक लगाने वाले पक्षकारों की ओर से पेश हुए वकील सिब्बल ने कहा कि, CAA को लागू करना बेहद गंभीर संवैधानिक मामला है. एक दूसरी वकील इंदिरा जय सिंह ने कहा कि, ये मामला संवैधानिक जांच का है. वहीं केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल(SG) तुषार मेहता ने कहा कि, चाहे किसी को नागरिकता मिले या ना मिले याचिकाकर्ताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. ये जबरदस्ती का मामले को उठा रहे है. उन्होंने आगे कहा, याचिकाकर्ता बार-बार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(NRC) का मसला ला रहे है, लेकिन NRC को लेकर कोर्ट के समक्ष कोई मामला नहीं है. 

सुनवाई के बीच दशकों पहले बलूचिस्तान से भारत में शरण लेकर रह रहे एक व्यक्ति की तरफ से रंजित कुमार ने कहा कि, अगर हमें नागरिकता मिलती है तो किसी को क्या दिक्कत होगी? इंदिरा जयसिंह ने इसपर कहा कि, वोटिंग का अधिकार मिलेगा जिससे वर्तमान सरकार को फायदा हो सकता है. 

आखिर क्या है CAA?

CAA भारत में बसे शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान करता है. केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान इन तीन देशों के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन ऐक्ट (CAA) लाया था. 12 दिसंबर 2019 को यह कानून बन भी गया था लेकिन चार साल बीत जनेके बाद भी ये लागू नहीं हो पाया था. अब 11 मार्च 2024 को गृह मंत्रालय ने इसे लागू कर दिया है. 

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

क्यों है विवाद?

CAA  में तीन पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए गैर-मुस्लिमों यानी हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है. विपक्ष को इसी बात पर आपत्ति है. ममुस्लिमों को इस ऐक्ट में शामिल न करने को लेकर विपक्ष इसे पक्षपाती बताता है और यह कहता है कि, CAA केंद्र सरकार के मुस्लिमों को टारगेट करने का एक हथियार है.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT