कौन हैं वो लाभार्थी जो बार-बार पीएम मोदी को दिला रहे जीत?
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन राज्यों में जीत के बाद संसदीय दल की बैठक में लाभार्थियों की बात की है. उन्होंने चुनावी नतीजे आने से पहले भी लाभार्थियों से बात की थी.
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MODI GOVERNMENT BENEFICIARIES: प्रधानमंत्री मोदी ने तीन राज्यों में जीत के बाद संसदीय दल की बैठक में लाभार्थियों की बात की है. उन्होंने चुनावी नतीजे आने से पहले भी लाभार्थियों से बात की थी. संसदीय दल की बैठक में पीएम ने कहा कि आप सभी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर लाभार्थियों से सम्पर्क करें, उनसे मिलें और सरकार की योजनाओं को बेहतर तरीके से पेश करें. पीएम मोदी ने 22 दिसंबर से 25 जनवरी तक सभी बीजेपी सांसदों और मंत्रियों को विकसित भारत संकल्प यात्रा में जोर-शोर से हिस्सा लेने की अपील भी की.
ये लाभार्थी हैं कौन?
चुनावी राजनीति में लाभार्थी वह होता है जो सरकार की योजनाओं का लाभ उठाता है. राजनैतिक पार्टियां चुनाव जीतने और सत्ता में बने रहने के लिए इस प्रकार के कदमों का सहारा लेती है. विश्लेषकों ने तीन राज्यों में जीत का सेहरा बीजेपी की केंद्र और राज्य की लाभार्थी स्कीम्स को भी माना है. इसमें किसान सम्मान निधि योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुफ्त राशन योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय और स्वास्थ्य योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं.
देश में कितने लाभार्थी हैं?
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश में 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बने हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2.5 करोड़ घर बनाए गए हैं. किसान सम्मान निधि योजना के तहत करीब 12 करोड़ किसानों को सालाना 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज किया जाता है. जिसमें देश के 16 करोड़ परिवारों के 1.84 करोड़ लोगों ने इसका लाभ उठाया है.
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स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी-पटरी) वालों को उनके व्यवसाय को शुरू करने के लिए बिना किसी गारंटी के 10,000 रुपए का लोन और एक साल के भीतर भुगतान करने के बाद 20,000 और फिर 50,000 रुपए मिलने का प्रावधान है. इस योजना से लाभान्वित होने वालों की संख्या अभी 50 लाख से अधिक है. वहीं आगे चलकर इसके 1 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है.
मुफ्त राशन योजना में 20 करोड़ परिवार यानी 80 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी शामिल हैं. जो देश की करीब दो तिहाई आबादी बनती है. इसमें प्रतियूनिट हर महीने 5 किलोग्राम अनाज मुफ्त दिया जाता है. उज्ज्वला योजना के तहत देश के करीब 10.35 करोड़ लोग इस योजना का लाभ ले चुके हैं. इसमें गरीब परिवारों को सब्सिडी पर सिलेंडर दिए जाते हैं.
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मोदी सरकार की 2024 को लेकर तैयारी
लोकसभा चुनावों से चार महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सासदों से कमर कस तैयारी करने का संदेश दिया है. 2022 में कोरोना के दौर में हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की प्रचंड जीत मिली थी. जिसमें सरकार की मुफ्त राशन योजना की बड़ी भूमिका थी. कुछ राजनैतिक विश्लेषकों के मुताबिक 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी धर्म और जाति के अलावा लाभार्थी योजना को लेकर भी जनता के बीच जाने की प्लानिंग में है. इसलिए मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संदेश पहुंचा दिया है कि वह जनता तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने में मदद करें.
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