CM नीतीश कुमार का हेल्थ बुलेटिन जारी करने की मांग क्यों कर रहे हैं जीतन राम मांझी?
कभी नीतीश कुमार के सहयोगी रहे जीतन राम मांझी ने तो सियासी साजिश का भी एंगल सामने ला दिया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि,’पिछले 10 दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत खराब है. उनको कुछ हुआ भी है या फिर सिर्फ उनके साथ राजनैतिक साजिश चल रही है?
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Bihar News: बिहार में इस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत चर्चा का विषय बनी हुई है. पिछले दिनों ऐसी खबर आई कि नीतीश कुमार की तबीयत ठीक नहीं है. ऐसे दावे हैं कि इसी वजह से वह कुछ सरकारी कार्यक्रमों से भी दूर रहे. अब नीतीश की तबीयत के मुद्दे पर विरोधी दल के नेताओं की भी टिप्पणी भी देखने को मिल रही है. फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयानों की चर्चा है.
कभी नीतीश कुमार के सहयोगी रहे जीतन राम मांझी ने तो सियासी साजिश का भी एंगल सामने ला दिया. उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि,’पिछले 10 दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत खराब है. उनको कुछ हुआ भी है या फिर सिर्फ उनके साथ राजनैतिक साजिश चल रही है? बिहार सरकार की तरफ से सीएम का हेल्थ बुलेटिन जारी होना चाहिए जिससे पता चले की उनकी स्थिती कैसी है?’
केन्द्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने भी नीतीश कुमार की बीमारी को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि,’नीतीश कुमार जी केवल एक गठबंधन के मुख्यमंत्री नहीं बल्कि पूरे बिहार के मुख्यमंत्री हैं इसलिए जीतन राम मांझी जी की चिंता जायज़ है और इसकी हमे भी चिंता है!इसलिए मा० मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का हेल्थ बुलेटिन जारी होना चाहिए!’
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JDU ने भी इसपर पलटवार किया है. JDU प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि मांझी बीजेपी के इशारे पर राजनीतिक नौटंकी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मांझी बीजेपी को खुश करने में लगे हैं और उन्हें इतनी ही नीतीश कुमार की फिक्र होती, तो वे उनका साथ छोड़कर नहीं जाते. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी कहा है कि किसी की सेहत पर सियासत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने भी आरोप लगाया है कि मांझी नीतीश कुमार के बहाने बीजेपी से सम्मान पाना चाहते हैं.
पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान जीतन राम मांझी के खिलाफ नीतीश कुमार का क्रोध भी देखने को मिला था. उन्होंने मांझी के लिए कहा था कि,’ये तो मेरी गलती थी कि इसको मैंने मुख्यमंत्री बना दिया था, कोई सेंस नहीं है इसको. ऐसे ही बोलते रहता है, कोई मतलब नहीं है, कोई आइडिया है इसको. ई कहता रहता है कि “हम भी मुख्यमंत्री थे, अरे क्या मुख्यमंत्री थे, ये तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना. ये आदमी गवर्नर बनना चाहता है, इसे कोई आइडिया है.’ यह वाकया उस दौरान का है जब नीतीश कुमार ने जातिगत सर्वेक्षण के आधार पर जाति आधारित आरक्षण बढ़ाने का बिल सदन में पेश किया. इसके बाद से ही नीतीश और मांझी के बीच लगातार तल्खी देखने को मिलती रही है.
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