क्या कांग्रेस के पुराने गढ़ चांदनी चौक पर फिर से कब्जा जमा पाएंगे जेपी अग्रवाल? समझिए यहां का सियासी गणित 

News Tak Desk

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Chandni Chowk Lok Sabha seat: देश में चल रहा लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम दौर में है. सात चरणों में होने वाले इस चुनाव के पांच चरणों के लिए की वोटिंग हो चुकी है. जैसे-जैसे चुनाव अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है, चुनावी सरगर्मी भी बढ़ती जा रही है. छठे चरण में 25 मई को दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. सभी पार्टियां वोटर्स को लुभाने के लिए पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है. ऐसे में दिल्ली के दिल कहे जाने वाले चांदनी चौक लोकसभा सीट के लिए वोटिंग होना है. यहां से बीजेपी से प्रवीण खंडेलवाल और कांग्रेस से जेपी अग्रवाल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. खंडेलवाल का मुकाबला कांग्रेस के 79 वर्षीय जेपी अग्रवाल से है, जो अपना 10वां लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. आपको बता दें कि, जेपी अग्रवाल साल 1984, 1989 और 1996 में चांदनी चौक से सांसद रह चुके हैं.

वैसे तो चांदनी चौक लोकसभा सीट क्षेत्रफल के हिसाब से देश की सबसे छोटी सीट है लेकिन यह सीट देश का मूड तय करने वाली मानी जाती है. इस सीट की एक खास बात ये है कि इस सीट से जिस पार्टी की जीत हुई है केंद्र में उसी पार्टी की सरकार बनी है. पुरानी दिल्ली के नाम से मशहूर चांदनी चौक अपनी घनी आबादी, स्वादिष्ट खाना और कपड़ों के बाजार के लिए फेमस है. आइए हम आपको बताते हैं चांदनी चौक लोकसभा सीट के चुनावी समीकरण के बारे में.

अब पिछले चुनावों के नतीजे जान लीजिए 

साल 2009 के लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता को भारी मतों से हराया था. कपिल सिब्बल को करीब 60 फीसदी वोट मिले थे. हालांकि साल 2014 आते-आते देश के मूड के साथ-साथ चांदनी चौक के वोटर्स का भी मूड़ बदलने लगा. 2014 के चुनाव में बीजेपी नेता डॉ. हर्ष वर्धन कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को मात दे कर सांसद बने. हर्ष वर्धन ने कपिल सिब्बल को 363 वोटों के मामूली अंतर से हराया था. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में डॉ. हर्ष वर्धन ने 5 लाख से ज्यादा वोट हासिल कर अपनी सीट पर कब्जा जमाए रखा. इस बार बीजेपी ने डॉ. हर्ष वर्धन का टिकट काट प्रवीण खंडेलवाल को मैदान में उतारा है.  

ये है चांदनी चौक का सियासी समीकरण 

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार चांदनी चौक लोकसभा सीट पर वोटरों की संख्या 15 लाख से ज्यादा है. इस सीट पर 8.48 लाख पुरुष और 7.13 लाख महिला वोटर है. इस सीट में विधानसभा की 10 सीटें आती है. यहां व्यापारी वोटर्स सबसे अधिक संख्या में है. इस सीट पर लगभग 17 फीसदी वैश्य वोटर है वहीं 14 फीसदी मुस्लिम समुदाय के वोटर है. इनके अलावा लगभग 14 फीसदी पंजाबी और लगभग 16 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटर भी है.  

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जिसने जीता चांदनी चौक उसकी बनी सरकार 

चांदनी चौक लोकसभा सीट साल 1956 में अस्तित्व  में आई. इस सीट पर साल 1957 से लेकर 2019 तक 16 लोकसभा चुनाव हुए है. कांग्रेस ने इस सीट पर 9 बार जीत हासिल की है, वहीं बीजेपी ने इस सीट को 6 बार (जनसंघ समेत) जीता है. चांदनी चौक सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. वैसे इस सीट की एक रोचक बात यह है कि, अब तक के 16 चुनावों में जिस पार्टी की चांदनी चौक में जीत हुई है केंद्र में सत्ता उसी पार्टी के पास रही है. हालांकि इसके दो अपवाद भी रहे है जब यहां से जीत दर्ज करने वाली पार्टी की सत्ता केंद्र में नहीं रही.  

इस स्टोरी को न्यूजतक के साथ इंटर्नशिप कर रहे IIMC के डिजिटल मीडिया के छात्र राहुल राज ने लिखा है.

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