लोकसभा चुनाव में 100 सीटों पर अकेले समीकरण बदल देंगे राहुल गांधी? कांग्रेस की इस रणनीति को समझिए

अभिषेक

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Rahul Gandhi
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Bharat Nyay Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश में एक बार फिर से यात्रा पर निकलने वाले हैं. पिछली बार उन्होंने देश के दक्षिण से उत्तर, कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा की थी. इस बार वो पूर्वोत्तर से पश्चिम की यात्रा करने वाले हैं. राहुल की यात्रा का नाम पहले भारत जोड़ो था, लेकिन अब उसका नाम बदलते हुए ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कर दिया गया है. राहुल 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इंफाल से इस यात्रा पर निकलने वाले हैं. यात्रा का पूरा रूट मैप और प्लानिंग सामने आ गई है. आइए बताते हैं राहुल की इस यात्रा की पूरी डिटेल और सियासी मायने.

कांग्रेस ने बीते गुरुवार को यात्रा के संबंध में एक प्रेस वार्ता की. पार्टी के मीडिया प्रमुख जयराम रमेश ने बताया कि, राहुल गांधी के नेतृत्व में मणिपुर से मुंबई तक की इस यात्रा में कांग्रेस, INDIA अलायंस के सभी नेताओं को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करेगी. यात्रा लगभग 66-68 दिनों में 6713 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 15 राज्यों के 110 जिलों और 100 लोकसभा सीटों से होकर गुजरेगी. शुरुआत में पार्टी ने 14 राज्यों में 6200 किलोमीटर की दूरी तय करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब नए रूट में अरुणाचल प्रदेश को भी शामिल कर लिया गया है. उन्होंने आगे बताया कि जल्द ही इस यात्रा का लोगो और थीम सॉन्ग जारी किया जाएगा.

अब यात्रा के पीछे की सियासत समझिए

देश में इसी साल लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐन चुनावों से पहले राहुल की यह ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 15 राज्यों की 100 लोकसभा सीटों को कवर करेगी. वैसे तो इन 15 राज्यों में लोकसभा की 357 सीटें हैं, पर राहुल 100 सीटों की अपनी यात्रा से इन सभी सीटों को प्रभावित करने की फिराक में हैं. आपको बता दें कि वर्तमान में इन 357 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के पास सिर्फ 14 सीटें है वहीं बीजेपी के पास 239. इस आंकड़े से आप इन राज्यों में पार्टी की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं. राहुल इस न्याय यात्रा से पार्टी की किस्मत पलटने के फेर में हैं. वैसे भारत न्याय यात्रा का क्या असर होता है वो तो हमें चुनाव परिणामों में ही देखने को मिलेगा.

आखिर राहुल उत्तर प्रदेश में ही क्यों बिताएंगे सर्वाधिक दिन?

राहुल की यह 68 दिनों की यात्रा में सर्वाधिक 11 दिन यूपी में रहेगी. यात्रा यूपी के 20 जिलों में 1074 किमी की यात्रा तय करेगी. यह यात्रा पीएम मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी से होते हुए गांधी परिवार की पारंपरिक सीट अमेठी और रायबरेली सभी को कवर करेगी. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें है. माना ये जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है और यहीं पार्टी की हालत बहुत खराब है. कांग्रेस राहुल की इस यात्रा से प्रदेश में अपनी स्थिति में सुधार करने की तैयारी में है. पार्टी ने हाल के दिनों में प्रदेश के सांगठनिक ढांचे में भी परिवर्तन किया है. फायर ब्रांड नेता और पीएम मोदी के सामने चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक अजय राय को पार्टी अपना प्रदेश अध्यक्ष बना कर लोकसभा चुनाव से पूर्व अपना तेवर दिखा चुकी है.

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अब राहुल की भारत न्याय यात्रा का पूरा रूटमैप जान लीजिए

मणिपुर (1 दिन)- यात्रा दो लोकसभा और 11 विधानसभा सीटों से गुजरते हुए चार जिलों में 107 किमी की यात्रा करेगी.

नागालैंड (2 दिन)- यात्रा पांच जिलों से गुजरते हुए 257 किमी की दूरी तय करेगी.

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असम (8 दिन)- यह 17 जिलों में 833 किमी की यात्रा करेगी.

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अरुणाचल प्रदेश (1 दिन)- एक जिले में 55 किमी की दूरी तय की जाएगी.

मेघालय (1 दिन)- एक जिले में 5 किमी की दूरी तय करेगी.

पश्चिम बंगाल (5 दिन)- पार्टी सात जिलों में 523 किमी की यात्रा करेगी.

झारखंड (8 दिन)- यात्रा 804 किमी की यात्रा करेगी और 13 जिलों को कवर करेगी.

ओडिशा (4 दिन)- यात्रा चार जिलों में 341 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.

छत्तीसगढ़ (5 दिन)- पार्टी सात जिलों में 536 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.

बिहार (4 दिन)- यात्रा सात जिलों से होकर गुजरेगी और 425 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.

उत्तर प्रदेश (11 दिन)- पार्टी 20 जिलों में 1,074 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.

मध्य प्रदेश (7 दिन)- यात्रा 698 किमी की दूरी तय करते हुए नौ जिलों से होकर गुजरेगी.

राजस्थान (1 दिन)- यात्रा दो जिलों में 128 किमी की दूरी तय करेगी.

गुजरात (5 दिन)- यात्रा सात जिलों में 445 किमी की यात्रा करेगी.

महाराष्ट्र (5 दिन)- यात्रा प्रदेश में 480 किमी की दूरी तय करने के बाद 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी.

भारत न्याय यात्रा का रूटमैप

‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद मिला-जुला रहा है चुनावों का रिजल्ट

राहुल की पिछली भारत जोड़ो यात्रा जिन राज्यों से गुजरी थी उनमें से कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए. 2022 में हुए कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस पार्टी की बंपर जीत हुई थी. हाल ही में हुए हुए पांच राज्यों के चुनाव में पार्टी को तीन राज्यों में हार मिली. कांग्रेस को तेलंगाना में तो जीत मिली लेकिन हिंदी पट्टी के तीन राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार का सामना करना पड़ा. इससे हम समझ सकते हैं कि, राहुल की अबतक की यात्रा का रिस्पांस मिला-जुला ही रहा है.

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