क्या महाराष्ट्र में शिवसेना के विवाद का निपटारा अब हो जाएगा?
पार्टी में टूट के बाद उद्धव और शिंदे गुट ने शिवसेना पर अपने-अपने दावे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील दर्ज की थी. उसपर अभी सुनवाई चल रही है. दोनों गुट पार्टी पर अपनी दावेदारी को लेकर कॉन्फिडेंट है. बयानबाजियों का दौर लगातार जारी है.
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महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर शिवसेना विवाद के चर्चे हैं. पिछले साल उद्धव ठाकरे की शिवसेना में फूट पड़ी थी. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में करीब 40 विधायक पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ बीजेपी के साथ चले गए थे. शिवसेना दो टुकड़ों में बंट गई. एक उद्धव गुट, दूसरा शिंदे गुट. पार्टी में टूट के बाद दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर अयोग्यता को लेकर की मांग उठाई थी. एक साल से ज्यादा समय हो गया है पर विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अब तक इसपर फैसला नहीं दिया है. भारतीय संविधान के अनुसार सदन के सदस्यों की अयोग्यता पर अंतिम निर्णय स्पीकर का ही होता है. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी दिखाई है और स्पीकर को फैसला लेने का एक अंतिम मौका दिया. आइए बताते हैं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर क्या कहा है.
CJI चंद्रचूड़ ने स्पीकर को लगा दी फटकार
शिवसेना मामले में जल्द निर्णय लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं डाली गई थी. पिछले दिनों सुनवाई करते हुए SC ने स्पीकर पर नाराजगी जताई और जल्द से जल्द फैसला नहीं लेने पर फटकारा भी. स्पीकर से एक तय समयसीमा के भीतर निर्णय लेने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वो ऐसा नहीं कर पाते तो कोर्ट तय कर देगा. CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहां कि ऐसा प्रतीत होता है कि वे जानबूझ कर मामले को लटका रहे हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी.
शिवसेना का असली हकदार कौन?
पार्टी में टूट के बाद उद्धव और शिंदे गुट ने शिवसेना पर अपने-अपने दावे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील दर्ज की थी. उसपर अभी सुनवाई चल रही है. दोनों गुट पार्टी पर अपनी दावेदारी को लेकर कॉन्फिडेंट है. बयानबाजियों का दौर लगातार जारी है. स्पीकर के फैसले के बाद ही इसपर कुछ क्लेयरिटी आने की उम्मीद है. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से लग रहा है कि इस विवाद के निपटारे की घड़ी नजदीक आ गई है.
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