आज शाम तक उत्तरकाशी की टनल से बाहर आ जाएंगे फंसे हुए मजदूर? जानिए कहां तक पहुंचा रेस्क्यू
बचाव स्थल पर मौजूद मनोचिकित्सक डॉ. रोहित गोंडवाल ने पीटीआई भाषा को बताया कि हम मजदूरों से संपर्क में हैं. उन्होंने बताया कि मजदूर तनाव दूर करने के लिए चोर-पुलिस खेलते हैं और रोजाना योग और व्यायाम करते हैं
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Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल हादसे में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन अब अंतिम पड़ाव पर है. अमेरिकी ऑगर मशीनों ने ड्रिलिंग का काम लगभग पूरा ही कर लिया है. सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए अंतिम 60 मीटर की ड्रिलिंग करनी बाकी थी जिसमे से 48 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी थी. इसी बीच ड्रिलिंग पाइप के आगे के 2 मीटर का हिस्सा मलबे में दब गया. इस वजह से ड्रिलिंग रोकनी पड़ी. दबे हुए हिस्से को काटकर बाहर निकाला जा रहा है. इसमें वक्त लग रहा है. इसे काटने के बाद बचे हुए 14 मीटर (12+2 मीटर मलबे वाला) की ड्रिलिंग बाकी रहेगी. उत्तराखंड सरकार में OSD भास्कर खुल्वे ने कहा है कि मजदूरों को आज शाम तक बाहर निकाला जा सकता है.
भास्कर खुल्वे ने क्या-क्या बताया?
भास्कर खुल्वे ने बताया कि, मलबे में दबे हुए हिस्से को काटकर निकालने के बाद हम ऑगर मशीन से ड्रिलिंग करेंगे. पार्सन्स कंपनी ने अपने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से अध्ययन किया है कि आगे के पांच मीटर तक कोई धातु का अवरोधक नहीं है यानी ड्रिलिंग के सामान्य होने की उम्मीद है. उन्होंने आगे कहा कि अब हमारी उम्मीद काफी अच्छी हो गई है और आशा कर रहे हैं कि आज शाम तक मजदूरों को बाहर निकाला जा सके.
तनाव दूर करने के लिए ‘चोर-पुलिस’ खेलते हैं और योगा करते है मजदूर
टनल में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आने के बाद लगातार देरी हो रही है. 12 नवंबर से ही मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं. बचाव स्थल पर मौजूद मनोचिकित्सक डॉ. रोहित गोंडवाल ने पीटीआई भाषा को बताया कि हम मजदूरों से संपर्क में हैं. मजदूरों ने उन्हें बताया कि, वे चोर-पुलिस खेलते हैं और तनाव दूर करने के लिए रोजाना योग और व्यायाम करते हैं. वहीं डॉ. गोंडवाल ने बताया कि बचाव अभियान में हो रही देरी को ध्यान में रखते हुए हम मजदूरों के तनाव को दूर करने में मदद के लिए लूडो, शतरंज और ताश उपलब्ध कराने की योजना भी बना रहे हैं.
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