ओडिशा में सुपर सीएम के रोल में पांडियन, मिलने वालों की लाइनें लगने लगी

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ओडिशा की राजनीति पिछले 25 साल से सिर्फ नवीन पटनायक के आसपास घूम रही है. अब एक पूर्व आईएएस ओडिशा के सेंटर में आ गए हैं.

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वी. के. पंडियन उड़ीसा की राजनीति के केन्द्र में आ रहे हैं. उन्हें नवीन पटनायक का वारिस माना जा रहा है.
वी. के. पंडियन उड़ीसा की राजनीति के केन्द्र में आ रहे हैं. उन्हें नवीन पटनायक का वारिस माना जा रहा है.
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Naveen Patnaik Successor VK Pandian: ओडिशा की राजनीति पिछले 25 साल से सिर्फ नवीन पटनायक के आसपास घूम रही है. अब एक पूर्व आईएएस ओडिशा के सेंटर में आ गए हैं. वैसे न तो दौर बदला है, न वक्त बदला है लेकिन भुवनेश्वर में ओडिशा सीएम के ऑफिशियल रेजीडेंस का नजारा बदल गया है. 23 अक्टूबर के बाद सीएम हाउस में मुलाकातियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. मुलाकाती सीएम से मिलने नहीं आते बल्कि नवीन पटनायक के बेहद प्रिय पूर्व आईएएस वीके पांडियन से मिलने आते हैं.

रोज लाइन लगती है कि एक बार पांडियन साहब से मुलाकात हो जाए. मिलने वालों की भीड़ उनको नई भूमिका के लिए बधाई देती है. मेमोरेंडम सौंपती है और उम्मीद रखती है कि पांडियन से मिलने के बाद रूका हुआ काम हो जाएगा.

पांडियन से मिलने-मिलाने वाला ट्वीट ओडिशा सीएम का ऑफिशियल हैंडल से किया जाता है. ओडिशा में हो रही हलचल वीके पांडियन को सुपर सीएम की ओर ले जा रही है जिसमें पूरी सहमति और सपोर्ट पावरफुल सीएम नवीन पटनायक की ओर दिखती है.

राजनीति में सुपर हीरो की तरह एंट्री

बेहद चौंकाने वाली ओडिशा की पॉलिटिकल स्टोरी के सुपर हीरो बनकर उभरे हैं वीके पांडियन. किसी ब्यूरोक्रैट के करियर में इतना बड़ा ट्विस्ट एंड टर्न बहुत देखने को नहीं मिला है. पांडियन तमिलनाडु में जन्मे. आईएएस बनने पर पहले पंजाब कैडर मिला. बैचमेच आईएएस सुजाता से शादी हुई तो कैडर ही बदलवाकर ओडिशा करा लिया. 12 साल तक ओडिशा सीएम के पीए रहने के बाद अब नए रोल में आए हैं पांडियन. करीब 20 साल के करियर में पांडियन ने नवीन पटनायक के अलावा किसी सीएम को नहीं देखा.

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पांडियन ने रिटायरमेंट से पहले ही वीआरएस लिया

पांडियन ने वीआरएस यानी सरकारी नौकरी से वक्त से पहले रिटायरमेंट ले लिया. रिटायर होते ही नवीन पटनायक ने ओडिशा के सबसे बड़े प्रोजेक्ट 5T औऱ नबीन ओडिशा का चेयरमैन बना दिया. इसी दोनों प्रोजेक्ट से नवीन पटनायक और पांडियन ओडिशा में डेवलपमेंट की योजनाएं चला रहे हैं. पांडियन को कैबिनेट रैंक मिली है लेकिन ओडिशा में पांडियन की परमिशन के बिना किसी मंत्री का साइन नहीं चलता.

नवीन पटनायक के राजनीतिक वारिश कहे जा रहे पांडियन

पांडियन पर नवीन पटनायक के इस भरोसे और प्यार को लेकर बहुत सारी अटकलें लगाई जा रही हैं और उन सारी अटकलों का निष्कर्ष है पांडियन नवीन पटनायक के राजनीतिक वारिस भी हो सकते हैं. पांडियन ओडिशा की सरकार के साथ बीजेडी भी चलाते हैं लेकिन रिटायर होने के बाद उन्होंने अभी तक बीजेडी की सदस्यता नहीं ली है.

आईएएस रहते हुए पांडियन को मैन ऑफ द मासेस कहा जाने लगा. उन्होंने 62 दिन में ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों के दौरे किए. 200 मीटिंग्स में जनता से सीधे बात की. 25 लाख लोगों से मिले. मिलने वालों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की होती थी.

नवीन पटनायक 5 टर्म से सीएम हैं. छठे टर्म के लिए भी तैयार हैं. हालांकि उनकी तबियत ठीक नहीं रहती. वो चुनाव तो लड़ेंगे लेकिन बीजेडी को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी अब पांडियन के कंधों पर है. अटकलें लगाई जा रही है कि पांडियन आज नहीं तो कल बीजेडी के अंदर आकर नवीन पटनायक का चुनावी टास्क संभालेंगे.

2024 में लोकसभा के साथ ही होंगे ओडिशा विधानसभा चुनाव

ओडिशा में अगले साल लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होंगे.  चुनावों में इंटरेस्टिंग कॉम्बिनेशन बन रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेडी को पूर्व आईएएस और आउटसाइडर वीके पांडियन चुनाव लड़ाएंगे. बीजेपी से भुवनेश्वर से सांसद अपराजिता सारंगी होंगी. अपराजिता हैं तो बिहार की लेकिन आईएएस बनने और ओडिशा के आईएएस से शादी करने के बाद ओडिशा की हो गईं. बीजेपी से ही अश्वनी वैष्णव भी होंगे जो राजस्थान के हैं. आईएएस रहे और अब ओडिशा से राज्यसभा के सांसद हैं.

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