महादेव ऐप क्या है, जिसको लेकर ED भूपेश बघेल के पीछे पड़ी है?

देवराज गौर

महादेव बेटिंग ऐप मामले में ईडी ने अब सीधे तौर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जिक्र कर दिया है. ईडी ने आरोप लगाया है कि महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों ने चुनाव में खर्च करने के लिए 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है.

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महादेव बेटिंग ऐप मामले में ईडी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी घेर लिया है.
महादेव बेटिंग ऐप मामले में ईडी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी घेर लिया है.
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Mahadev Betting App: महादेव बेटिंग ऐप मामले में ईडी ने अब सीधे तौर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जिक्र कर दिया है. इससे पहले ईडी ने भूपेश बघेल के करीबियों के इसमें शामिल होने का आरोप लगाया था. अब ईडी ने आरोप लगाया है कि महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों ने चुनाव में खर्च करने के लिए 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है. वहीं, ईडी ने कथित एजेंट असीम दास को गिरफ्तार किया है, जिस पर आरोप है कि उसे ऐप प्रमोटरों द्वारा UAE से सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी को धन पहुंचाने के लिए भेजा गया था.

आज जानेंगे कि क्या है महादेव बेटिंग ऐप जिसमें पहले फिल्मी सितारों का नाम आया अब इसने चुनावी राज्य छ्त्तीसगढ़ में एंट्री मार ली है?

कौन हैं इसके कर्ता-धर्ता?

महादेव बेटिंग ऐप छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले दो व्यक्तियों ने शुरू किया जिनका नाम सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल है. सौरभ चंद्राकर इससे पहले भिलाई में ही एक जूस की दुकान चलाया करता था. वहीं, रवि उप्पल पेशे से एक इंजीनियर था और साथ-ही-साथ उसकी टायर की भी एक दुकान थी. मगर, दोनों को जल्द ही बहुत सारा पैसा कमाना था. इसलिए वे बेटिंग करने लगे. उसमें उन दोनों को भारी नुकसान हुआ. इसके बाद उन्होंने सट्टे के खेल को समझा और इसे खेलने की बजाय खिलवाना शुरु किया. इसी क्रम में दोनों ने मिलकर साल 2016-17 में महादेव बुक बेटिंग ऐप लॉन्च किया.

क्या है महादेव बेटिंग एप?

यह कई वेबसाइट और गेमिंग ऐप का सिंडिकेट है. यह ऑनलाइन सट्टेबाजी, जुआ जैसी गतिविधियों को चलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इंतजाम करता है. यह ऐप कथित तौर पर क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन, पोकर और कार्ड गेम के अलावा कई तरह के लाइव गेम में अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन मंच मुहैया कराता है. इस ऐप पर चुनावों में कौन जीतेगा इस पर भी सट्टा लगाया जाता है.

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ऐप पर कैसे मिलती है एंट्री?

महादेव गेमिंग ऐप पर यूजर आईडी बनाकर एंट्री मिलती है. यूजर्स को बेनामी खातों में पैसा जमा करना होता है. बेटिंग ऐप को 70:30 के प्रोफिट रेश्यो पर फ्रेंचाइजी देकर चलाया जाता है. इस ऐप का हेडक्वार्टर UAE में है और इस ऐप के कॉल सेंटर्स नेपाल और श्रीलंका में हैं. हालांकि, कुछ महीनों से चल रही ईडी की रेड के बाद से यह ऐप प्लेस्टोर और ऐप स्टोर जैसे प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है. मगर, अभी भी इस ऐप को अवैध तरीकों से डाउनलोड किया जा रहा है.

कैसे काम करती है महादेव गेमिंग ऐप

खबरों के मुताबिक, गेम के प्लेटफॉर्म पर मौजूद सभी लॉटरी और बेटिंग ऑप्शंस को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि इसे खेलने वाला प्लेयर हमेशा पैसे खोता था. कंपनी हमेशा फायदे में रहती थी. दरअसल, महादेव गेमिंग एप पर सट्टे का खेल 500 रुपए से शुरू होता था. इसे खेलने वाला अगर हार भी जाता था तो कंपनी उसे कुछ अमाउंट दे देती थी. बस इसी के साथ लोगों को इसकी लत लग जाती थी.

यह ऐप कितने बड़े लेवल पर काम कर रहा था, इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि अकेले छत्तीसगढ़ में ही इसके तीस सेंटर्स थे. ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए एजेंट और मालिक हर रोज करीब 200 करोड़ रुपए का मुनाफा भी कमा रहे थे. ईडी का आरोप है कि 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा की मनी लॉंड्रिंग इस ऐप के जरिए हुई है.

पूरे देश के अलावा विदेशों में भी फैला है महादेव बेटिंग ऐप का जाल

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 साल पहले शुरू किया गया महादेव गेमिंग ऐप का हवाला सिंडिकेट भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पैसे का लेनदेन करता था. ईडी अब तक मुंबई, कोलकाता और भोपाल में तकरीबन 78 जगहों पर छापे मारकर महादेव बेटिंग ऐप से जुड़ी 400 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है. जांच एजेसिंयों को इस बात के सुबूत मिले हैं कि महादेव ऐप के मालिकों ने अपने गेमिंग प्लेटफॉर्म के प्रचार के लिए कई स्टार्स को पैसे दिए थे. वहीं मशहूर फिल्म स्टार रणबीर कपूर इस ऐप के विज्ञापनों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में दिखाई दिए थे. इस ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दोनों ही इस पूरे सिस्टम को दुबई से बैठकर चला रहे हैं और ईडी की पहुंच से बाहर हैं. खबर है कि ईडी जल्दी ही दोनों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर सकती है.

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