अलवर में हो रही अवैध टोल वसूली! भरतपुर मार्ग पर 93 किमी में 5 और भिवाड़ी मार्ग पर 85 किमी में 3 टोल

Himanshu Sharma

अलवर राजस्थान का ऐसा जिला है जहां नियमों को ताक पर रखकर जमकर टोल वसूला जा रहा है.

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सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) अवैध टोल वसूली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कई बार संसद में बयान दे चुके हैं. साल 2020 में तो उन्होंने कहा था कि "दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किमी की दूरी होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो वह अवैध है." इसके बावजूद अलवर (Toll Plaza Tax In Alwar) राजस्थान का ऐसा जिला है जहां अवैध तरीके से जमकर टोल वसूला जा रहा है. यहां शहर की परिधि से बाहर निकलते ही लोगों को टोल देना पड़ता है.

अलवर-भरतपुर मार्ग (Alwar-Bharatpur Toll Plaza) और अलवर-भिवाड़ी मार्ग (Alwar-Bhiwadi Toll Plaza) पर तो हालात और ज्यादा खराब है. अलवर-भरतपुर 93 किलोमीटर के मार्ग पर पांच टोल प्लाजा है. जबकि अलवर-भिवाड़ी 85 किलोमीटर मार्ग पर तीन जगह टोल वसूला जाता है. टोल हटाने के लिए कई बार धरने प्रदर्शन हुए लेकिन फिर भी हालात नहीं बदले. इसके अलावा अलवर-बहरोड, अलवर- सिकंदरा, अलवर-जयपुर, अलवर-दिल्ली सहित सभी मार्गों पर लोगों को टोल देना पड़ता है.

 

 

नियमों का नहीं हो रहा पालन

पुराने नियमों के अनुसार, टोल प्लाजा के बीच की दूरी कम से कम 40 किलोमीटर होनी चाहिए. लेकिन अलवर-भरतपुर मार्ग पर 93 किलोमीटर की दूरी में पांच टोल प्लाजा बने हुए हैं.10 साल से यहां टोल वसूला जा रहा है. शहरी सीमा से 10 किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे का टोल है. जबकि देखा जाए तो शहर की आउटर सीमा से 2 किलोमीटर के अंदर टोल वसूला जा रहा है. इन टोल पर हर साल 2000 करोड रुपए की वसूली होती है. राष्ट्रीय व राजकीय राजमार्ग के नियम अनुसार, नगर निकाय या शहरी क्षेत्र की सीमा से 10 किलोमीटर की दूरी पर टोल प्लाजा स्थापित किया जाएगा. लेकिन, अलवर में यह नियम भी फॉलो नहीं हो रहा.

अलवर से भिवाड़ी की दूरी 85 किलोमीटर की है. होने को तो यह फोरलेन मेगा हाईवे है लेकिन, इसके हालत गांव की सड़क जैसे हैं. इसके बावजूद इस रोड पर तीन जगह टोल वसूली होती है. अलवर-भिवाड़ी मेगा हाईवे पर दिल्ली, हरियाणा और यूपी के लोग आते-जाते हैं और उनको मोटा टोल देना पड़ता है. 12 साल पहले 2012 में अलवर-भिवाड़ी मेगा हाईवे का निर्माण हुआ था. निर्माण के कुछ साल बाद ही इसकी हालत खराब हो गई. हालांकि अभी इस मार्ग को दुरुस्त कर दिया गया है लेकिन, टोल वसूली का सिलसिला जारी है.

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65 रुपए से है टोल की शुरुआत

प्रत्येक टोल प्लाजा पर कम से कम 65 रुपए का टोल चार्ज कार चालक को देना पड़ता है. इसके अलावा, अलग-अलग टोल पर अलग-अलग चार्ज देने पड़ते हैं. अलवर की जनता पर टोल का अतिरिक्त भार पड़ रहा है.

अधिकारी से लेकर मंत्री तक सब साधे हुए हैं चुप्पी

टोल वसूली के खेल में सभी चुप हैं. इस संबंध में जब अधिकारियों से बात की गई तो वो कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. वहीं विधायक और मंत्री भी चुप हैं. आम जनता इन सबके बीच पिस रही है. चुनाव के दौरान बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. लेकिन, हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. टोल प्लाजा को अधिकारी, नेता और मंत्रियों के रिश्तेदार व जान पहचान के लोग चला रहे हैं, इसलिए पूरा खेल चल रहा है.

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