पहले मुस्कुराकर मिलाया हाथ फिर मंच पर मोदी और गहलोत ने एक दूसरे को खूब सुनाया!
PM Modi and Gehlot in Nathdwara: मानगढ़ धाम में मंच पर पीएम मोदी ने सीएम गहलोत की तारीफ क्या कर दी प्रदेश में नई चर्चा छिड़ गई. हाल ही में गहलोत ने पीएम मोदी की तरीफ को चालाकियां बता दिया. वहीं बुधवार को नाथद्वारा में सीएम गहलोत ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया […]
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PM Modi and Gehlot in Nathdwara: मानगढ़ धाम में मंच पर पीएम मोदी ने सीएम गहलोत की तारीफ क्या कर दी प्रदेश में नई चर्चा छिड़ गई. हाल ही में गहलोत ने पीएम मोदी की तरीफ को चालाकियां बता दिया. वहीं बुधवार को नाथद्वारा में सीएम गहलोत ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों के मुस्कुराने की तस्वीर भी वायरल हुई. हालांकि मंच पर वही हुआ जो गहलोत ने गत सप्ताह पीएम मोदी की तारीफ वाली पर कहा था.
मंच पर दोनों ने मीठे-मीठे अंदाज में एक दूसरे को सुनाया. जैसे ही पीएम मोदी ने ‘मेरे मित्र गहलोत जी’ कहा तो उनका रिएक्शन भी कैमरे में कैद हो गया जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
गहलोत ने याद दिलाई सिलेंडर की महंगाई?
नाथद्वारा के मंच से बोलते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान में हम लोगों तक पानी पहुंचाते हैं. बिजली पहुंचाते हैं तो बिजली पर खर्च ज्यादा होता है. सड़के हमारी शानदार हैं. पहले गुजरात से मुकाबला करते थे तो लगता है कि हम पीछे हैं, लेकिन हम आगे निकल चुके हैं. आपने उज्जवला योजना लागू की थी. अब सिलेंडर की कास्ट बढ़ गई. हम उज्जवला योजना के लाभार्थी को 500 में सिलेंडर दे रहे हैं. इस पर आप विचार कर सकते हैं. उन्होंने राज्य सरकार का काम याद दिलाते हुए कहा कि हमने राइट टू हेल्थ हमने कानून पास किया है और 25 लाख का बीमा दिया है. उसका शानदार रेस्पॉन्स मिल रहा है. मैं चाहूंगा कि आप यहां पधारे हो तो आपकी उपस्थिति का लाभ लेकर मांग करूं. मैं समझता हूं कि रोड्स, कम्युनिकेशन, शिक्षा, स्वास्थ्य और ईआरसीपी के लिए मांग रखूं. मैं चाहूंगा कि आपने दौसा में ईआरसीपी को लेकर जो कहा था, उसका एग्जामिन कराएं. आप उसी भावना से आगे बढ़ाएं और पीने का पानी लोगों को मिले तो उसमें आपकी भूमिका मिले.
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पीएम मोदी बोले- घरों में पानी पहुंचा होता तो…
पीएम मोदी ने राजस्थान में पानी की जरूरत और ईआरसीपी पर गहलोत की मांग के बाद इशारे से कहा- पहले ही हर घर नल से पानी आने लगता तो आज साढ़े तीन लाख करोड़ नल लगाकर हर घर नल मिशन नहीं लाना पड़ा. आप सोचिए कि अगर नाथद़्वारा की जीवन रेखा कहे जाने वाले नंद समंद बांध और टाटोल बांध नहीं बना होता तो क्या होता. पानी के लिए लाखा बंजारा ने अपना जीवन खपा दिया था. आज हालत यही है कि लाखा बंजारा चुनाव में खड़ा हो जाए तो ये नकारात्मक सोच वाले उसको भी हराने के लिए मैदान में आएंगे. उसके लिए भी पॉलिटिकल पार्टियों का जमघट पैदा करेंगे.
इस मरू भूमि में पहले आना-जाना मुश्किल था- पीएम मोदी
मोदी ने कहा कि इस मरुभूमि में कनेक्टिविटी के अभाव में आना-जाना कितना मुश्किल होता था ये भली-भांति जानते हैं. ये आना जाना ही केवल मुश्किल नहीं बल्कि खेती किसानी सबकुछ मुश्किल था. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अटलजी की सरकार ने शुरू की थी. 2014 तक ऐसे कई गांव थे जो सड़कों से कटे हुए थे. पिछले 9 वर्ष में साढ़े तीन लाख किमी नई सड़कें गांवों में बनाई. इसमें 70 हजार किमी से ज्यादा सड़कें राजस्थान के इन गावों में बनी है. अब देश के ज्यादातर गांव पक्की सड़कों से जुड़ चुके हैं. यही काम पहले हुआ होता तो गांव कस्बों में रहने वाले भाइयो बहनों को कितनी आसानी हुई होती. साल 2014 से से पहले देश में जिस गति से नेशनल हाइवे का निर्माण हो रहा था, उससे दोगुने गति से अब काम हो रहा है. इसका फायदा राजस्थान को मिल रहा है.