Tonk News: बीजेपी के सत्ता में आने के बाद कैबिनेट मंत्री ने निभाया वादा! 4 साल तक लोगों को करना पड़ा इंतजार
सरकार में आने के बाद बीजेपी की भजनलाल सरकार के मंत्री पूर्ववर्ती गहलोत सरकार पर जमकर हमले बोल रहे हैं. चाहे तत्कालीन सरकार की योजनाओं की बात हो या उनके फैसलों की, किसी भी मामले में बीजेपी नेता कांग्रेस को कोसने से नहीं चूक रहे हैं.
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सरकार में आने के बाद बीजेपी की भजनलाल सरकार के मंत्री पूर्ववर्ती गहलोत सरकार पर जमकर हमले बोल रहे हैं. चाहे तत्कालीन सरकार की योजनाओं की बात हो या उनके फैसलों की, किसी भी मामले में बीजेपी नेता कांग्रेस को कोसने से नहीं चूक रहे हैं. ऐसे ही सावन मास में जारी कांवड़ को लेकर व्यवस्था किए जाने के बाद बीजेपी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. जबकि कांग्रेस को भी आड़े हाथ ले रही है. राजस्थान सरकार में पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने भी इस मामले में वादा निभाने की बात कही है. दरअसल, टोंक जिले के मालपुरा कस्बे के केदारनाथ मंदिर में श्रावण मास में भगवान भोले का जलाभिषेक 4 साल बाद बीसलपुर बांध के पास स्थित गोकर्णेश्वर मंदिर के सामने स्थित पवित्र दह से लाए गए जल से हुआ.
यहां से जल लेकर बीते दिन रवाना हुए लगभग 900 कावड़ियों ने मालपुरा कस्बे में भारी पुलिस सुरक्षा के बीच प्रवेश करने के बाद यह जलाभिषेक किया. इस बात को बीजेपी इसलिए प्रचारित कर रही है, क्योंकि साल 2019 में समुदाय विशेष के मोहल्ले से निकलते समय कावड़ियों पर पथराव और हमले के बाद से ही यह कावड़ यात्रा बंद थी.
जिसके बाद इसका विरोध किया गया था. मालपुरा के से तीसरी बार विधायक बने कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी और हिन्दूवादी संगठनों ने इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति बताया था. तब चौधरी ने यह घोषणा की थी कि प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद परंपरागत रास्ते से कावड़ यात्रा का आयोजन किया जाएगा.
मंत्री चौधरी ने की पुष्पवर्षा, नहीं आए बालकनाथ और बालमुकंदाचार्य-
जब कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच कावड़िएं पहुंचे तो उनका स्वागत करने के लिए मंत्री कन्हैयालाल चौधरी मौजूद रहे. साथ ही हिंदू संगठनों के लोगों ने भी कावड़ियों पर पुष्पवर्षा की. 4 साल बाद हुई इस कावड़ यात्रा को देखने के लिए कस्बे की छतों पर भी भीड़ उमड़ी नजर आई. कावड़ यात्रा में बीजेपी के फायरब्रांड विधायक बालकनाथ और बालमुकंदाचार्य के आने का भी कार्यक्रम बताया गया था, लेकिन दोनों ही नेता इस आयोजन में नहीं आए.
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इस आयोजन के दौरान लगभग डेढ़ किमी तक गुजरी इस कावड़ यात्रा के दौरान पुलिस, आरएसी और एसटीएफ के जवानों ने कॉरिडोर बनाया. पीएचईडी मंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कहा कि यह सब बेहद जरूरी हो गया था. क्योंकि समुदाय विशेष के लोग ना सिर्फ धार्मिक आयोजनों के दौरान अनावश्यक परेशानी पैदा करते रहे हैं, बल्कि पथराव भी करते रहे हैं.