उदयपुर: टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी जावेद को कैसे मिली जमानत? वारदात की पूरी कहानी कब क्या हुआ

ललित यादव

ADVERTISEMENT

Udaipur Tailor Kanhaiyalal Murder Case
Udaipur Tailor Kanhaiyalal Murder Case
social share
google news

Udaipur Tailor Kanhaiyalal Murder Case: उदयपुर में साल 2022 में हुए टेलर कन्हैयालाल मर्डर में शामिल आरोपी को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. यह मर्डर केस राजस्थान में बहुत चर्चित रहा था. गुरुवार को हाईकोर्ट ने हत्याकांड में शामिल 11 आरोपियों में से मोहम्मद जावेद को जमानत दी है. NIA कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने आरोपी की जमानत मंजूर की है. 

आरोपी जावेद की ओर से दायर की गई याचिका में बताया गया कि NIA ने बिना पुख्ता सबूत के केवल कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी जावेद को गिरफ्तार किया. याचिका में कहा गया कि मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. आरोपी लंबे समय से जेल में बंद है. इसलिए आरोपी के वकील ने कोर्ट से जमानत की मांग की. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी. 

जावेद पर लगे थे ये आरोप

वहीं सरकारी वकील की ओर से रिहाई का विरोध जताते हुए कोर्ट में बताया कि आरोपी जावेद हत्याकांड में शामिल था. जावेद ने ही कन्हैयालाल के दुकान में होने की सूचना दी थी. ऐसे में उसे रिहा नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलील सुनकर आरोपी को जमानत देने का फैसला किया. 

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

हाईकोर्ट ने क्या कहा

जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने इस मामले की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपी जावेद को NIA ने केवल कॉल डिटेल के आधार पर गिरफ्तार किया है. NIA अभी तक आरोपी की लोकेशन साबित नहीं कर पाई है. ना ही कोई रिकवरी हुई है. ऐसे में ट्राइल लंबा चलेगा, इसलिए कोर्ट ने आरोपी जावेद की जमानत मंजूर की. इससे पहले आरोपी की ओर से एनआईए कोर्ट में जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. जिसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दायर की. 

कोर्ट में बहस के दौरान क्या हुआ

कोर्ट में आरोपी जावेद के वकील सैयद सआदत अली ने कहा कि NIA के आरोप हैं कि जावेद ने इंडियाना टी-स्टॉल पर बैठकर कन्हैया लाल की हत्या की योजना बनाई थी लेकिन टी-स्टॉल के मालिक धमेंद्र साहू ने इस बात को सही नहीं ठहराया. वहीं वकील ने कहा कि जावेद पर NIA का एक आरोप यह भी है कि वह कन्हैयालाल की रैकी करता था. लेकिन यह बात भी साबित नहीं हुई. 

ADVERTISEMENT

NIA के आरोप के जवाब में वकील सआदत ने कहा जावेद चूड़े की दुकान पर काम करते था, NIA का आरोप है जावेद के पास हत्याकांड के मुख्य आरोपी रियाज का कॉल आया था लेकिन जावेद के पास कभी रियाज का फोन नहीं आया. 

ADVERTISEMENT

क्या था ये हत्याकांड

उदयपुर में 28 जून 2022 को अपनी दुकान पर काम कर रहे टेलर कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई थी. आरोपियों ने टेलर की निर्मम हत्या कर घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाल दिया था. इस घटना के बाद विपक्ष ने तत्कालीन गहलोत सरकार को खूब घेरा था. घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उसी रात जांच NIA को सौंप दी गई थी. 

NIA ने पूरे मामले की जांच करते हुए आरोपी रियाज अत्तारी, गौस मोहम्मद सहित 11 को गिरफ्तार कर NIA कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया था. इससे पहले आरोपी फरहाद मोहम्मद को जमानत मिल चुकी है. वहीं इस केस में शामिल आरोपी सलमान और अबू इब्राहिम फरार हैं. NIA ने घटना के 20 दिन बाद आरोपी जावेद को पकड़ा था. जावेद पर आरोप था कि उसी ने घटना के दिन रैकी की थी और घटना के मुख्य आरोपी रियात अत्तारी से मिला था. पुलिस को जांच में अत्तारी के घर से तलवार मिली थी. 

कन्हैयालाल के साथ वारदात के पीछे की पूरी कहानी

  • 8 जून 2022 को कन्हैयालाल ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि उनके बेटे द्वारा गलती से सोशल मीडिया पर विवादित कंटेंट पोस्ट हो गया. 
  • 11 जून 2022 को उदयपुर के धानमंडी थाने में इस विवादित पोस्ट को लेकर कन्हैयालाल के पड़ोसी नाजिम ने केस दर्ज करवाया. कन्हैयालाल को पड़ोसी नाजिम की शिकायत  गिरफ्तार किया गया. 12 जून को कन्हैयालाल को जमानत मिल गई. 29 जून को कन्हैयालाल को फिर से कोर्ट में पेश होना था. 
  • 13 जून को कन्हैयालाल को अपनी दुकान के बाहर कुछ लोगों द्वारा उनकी रेकी करने की सूचना और धमकी मिली. 
  • 15 जून को कन्हैयालाल ने थाने पहुंचकर पड़ोसी नाजिम पर आरोप लगाया कि उनका नंबर वायरल कर दिया गया और दुकान नहीं खोलने की धमकी दी गई. इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझाइश कर सुलह करवाई. कन्हैयालाल ने थाने में खुद लिखकर दिया कि वह नाजिम पर कार्रवाई नहीं चाहते. 
  • 16 जून को पुलिस ने कन्हैयालाल को कुछ दिन दुकान न खोलने और सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही. 
  • 19 जून को कन्हैयालाल ने दुकान खोली और अपना काम कर रहा था. इस दौरान थाने से एक पुलिसकर्मी ने पहुंचकर जायजा भी किया.
  • 20 जून के बाद कन्हैयालाल को दोबारा धमकियां आनी शुरू हुई. लेकिन कन्हैयालाल ने इसे समझौता के चलते गंभीर नहीं लिया
  • 25 जून को कन्हैयालाल को उनकी दुकान पर एक महिला और पुरुष ने आकर कहा कि तुझे गाड़ देंगे. इसके बाद कन्हैयालाल परेशान हुआ. 
  • 28 जून को दोपहर में कन्हैयालाल अपनी दुकान पर काम कर रहा था इसी दौरान मोहम्मद रियास और गौस मोहम्मद कपड़े का नाप देने के बहाने आए और कन्हैयालाल का गला रेतकर मर्डर कर दिया. आरोपियों ने इस घटना का वीडियो भी बनाया.  
     

गहलोत बोले- 'BJP सरकार ने दोषियों को सजा देने में दिलचस्पी नहीं दिखाई'

वहीं पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी इस मामले को लेकर 'X' पर लिखा, "आज श्री कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल रहे एक आरोपी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. उदयपुर के श्री कन्हैयालाल हत्याकांड का भाजपा ने चुनावी लाभ लेने के लिए राजनीतिक इस्तेमाल किया परन्तु केन्द्र की भाजपा सरकार की NIA ने दोषियों को सजा देने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. 28 जून 2022 को हुए इस घटनाक्रम की रात को ही NIA ने ये केस ले लिया पर करीब ढाई साल बीतने के बाद दोषियों को सजा नहीं दी जा सकी. राज्य की भाजपा सरकार ने भी जल्दी सजा के लिए कोई दबाव नहीं बनाया.

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह ने चुनावी प्रचार में इस घटना का खूब इस्तेमाल किया और भाजपा ने पीड़ित परिवार को दिए गए मुआवजे की राशि 50 लाख रुपए को 5 लाख रुपए बताकर झूठ फैलाया और राजनीतिक लाभ लिया. राजस्थान की जनता और पीड़ित परिवार पूछ रहे हैं कि भाजपा इस घटना का केवल राजनीतिक फायदा ही लेगी या न्याय दिलाने का भी प्रयास करेगी. जनता ये नहीं भूली है कि इस हत्याकांड के दो मुख्य आरोपी भाजपा के कार्यकर्ता थे और भाजपा नेता उनकी सिफारिश के लिए थाने में फोन किया करते थे."

डोटासरा बोले-  'मोदी सरकार की कमजोर पैरवी की वजह से जमानत मिली'

वहीं इस मामले को लेकर काग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा 'X' पर लिखा, "26 महीने बीत चुके हैं, कन्हैया लाल जी को न्याय कब मिलेगा? 28 जून, 2022 का वो दिन हम भूल नहीं सकते, जब नफ़रत की आग में उदयपुर में कन्हैया लाल जी की बर्बर हत्या की गई. कांग्रेस सरकार ने तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई शुरू की लेकिन तब केस को मोदी सरकार की एजेंसी NIA ने ले लिया. मोदी सरकार की कमजोर पैरवी की वजह से आज अदालत से एक आरोपी जावेद को ज़मानत मिल गई. भाजपा सरकार भले ही आरोपियों को बचा रही है, लेकिन न्याय की लड़ाई में हम कन्हैयालाल जी के परिवार के साथ मज़बूती से खड़े हैं."


 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT