उदयपुर : देवराज की मौत के बाद कैसा है स्कूल का हाल, जिक्र करते ही फूट-फूटकर रोने लगी उसकी टीचर
उदयपुर में छात्र देवराज की मौत के बाद पहली बार उस स्कूल को खोला गया है जिसमें वह पढ़ाई करता था.
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उदयपुर (Udaipur News) शहर में चाकूबाजी (Knife Attack on Student) के बाद सरकारी स्कूल में कक्षा 10वीं में पढ़ने वाले छात्र देवराज (Student Devraj) की मौत हो गई है. घटना के बाद 21 अगस्त के दिन पहली बार भट्टियानी चौहट्टा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को खोला गया है जिसमें देवराज पढ़ता था. लेकिन स्कूल स्टाफ के साथ-साथ बच्चों के जहन में अब भी घटना वाले दिन के जख्म ताजा है. देवराज भले ही इस दुनिया से हमेशा के लिए चला गया हो लेकिन उसके स्कूल में घटना के बाद जो खामोशी पसरी थी वो अब भी बरकरार है.
बुधवार को प्रशासनिक आदेश के बाद सुबह 7:30 बजे तय वक्त पर स्कूल (Udaipur Devraj's School) खोल दिया गया. स्कूल का आंखों देखा हाल आप तक पहुंचाने के लिए 'Rajasthan Tak' की टीम मौके पर पहुंची. जिस स्कूल में आज से 4 दिन पहले बच्चों की चहल कदमी देखी जा रही थी और बच्चे क्लासों में पढ़ते नजर आते थे. वहां स्कूल खुलने के बाद महज एक छात्र पढ़ने के लिए पहुंचा, जिसे कुछ देर रुकने के बाद उसके पिता वापस घर ले गए.
वीरान नजर आया स्कूल का प्रार्थना मैदान
स्कूल का स्टाफ अभी भी देवराज हत्याकांड की वजह से गहरे सदमे में है. स्टाफ के चेहरे की खामोशी उनकी हालात को साफ बयां कर रही थी. अमूमन सुबह के वक्त जिस मैदान में प्रार्थना होती थी, वह वीरान था और सरस्वती मां की तस्वीर भी विद्यार्थियों का इंतजार कर रही थी. कक्षाएं खाली पड़ी थी और कुर्सियों को भी चहल पहल का इंतजार था.
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कक्षा में सबसे आगे की पंक्ति में बैठता था देवराज
'राजस्थान तक' की टीम स्कूल पहुंचने के बाद देवराज की क्लास में पहुंची. दसवीं कक्षा के इस कमरे में रोजाना 18 बच्चे बैठा करते थे. स्कूल स्टाफ के मुताबिक, देवराज सबसे आगे वाली पंक्ति में बैठा करता था, तो आरोपी छात्र सबसे पीछे बैठा करता था. स्कूल अध्यापक ने बताया कि चाकू वाली घटना के दिन देवराज ने आखिरी क्लास अंग्रेजी की ली थी. जिसमें उन्हें ईमेल लिखना और पढ़ना सिखाया गया था. ब्लैक बोर्ड पर आज भी देवराज की जिंदगी का आखिरी सबक अंकित था, जिसका प्रैक्टिकल अब उसके लिए मुमकिन नहीं रहा.

घटना का जिक्र करते ही फूट-फूटकर रोने लगी टीचर
स्कूल के अध्यापकों से जैसे ही पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया गया, तो वहां मौजूद स्टाफ ने कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया. आपसी बातचीत के बाद एक अध्यापिका फूट-फूट कर रोने लगी. स्टाफ के ज्यादातर लोग अभी भी इस पूरे मामले को लेकर सदमे में नजर आ रहे हैं. स्टाफ एक-दूसरे से इस पूरे घटनाक्रम को लेकर ही बात करते हुए देखे गए. जानकारी में सामने आया है कि स्कूल में करीब 18 अध्यापक और अध्यापिका अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
स्कूल की प्रिंसिपल को शिक्षा विभाग ने किया सस्पेंड
शिक्षा विभाग नें बड़ी कार्रवाई लेते हुए स्कूल की प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है, जबकि क्लास टीचर को एपीओ किया गया है. घटना के दिन मृतक देवराज को उसके दोस्त ही प्रिंसिपल की स्कूटी लेकर अस्पताल लेकर गए थे, लेकिन स्कूल स्टाफ की ओर से कोई भी हॉस्पिटल नहीं पहुंचा था. स्कूल की निलंबित प्रिंसिपल ईशा धर्मावत से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि मेरा फिलहाल निलंबन हो गया है, मैं इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहती हूं. प्रिंसिपल ईशा धर्मावत का निलंबन काल मुख्यालय बीकानेर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय रहेगा.