Rajasthan Election 2023: किधर बिछेगी जाट की खाट, मुद्दों की चुनावी गर्माहट में समाज किसके साथ?

राजस्थान तक

Where will the Jat cot be laid, with whom will the society side in the election heat of issues? Rajasthan Election 2023

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Rajasthan Election 2023: किधर बिछेगी जाट की खाट, मुद्दों की चुनावी गर्माहट में समाज किसके साथ?
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Rajasthan Election 2023: राजस्थान की कुछ जनसंख्या में जाटों की संख्या की बात करें तो जाट कुल जनसंख्या के 10-12 फीसदी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में राजस्थान में करीब डेढ़ से दो करोड़ जाट जाति की जनसंख्या बताई गई. राजस्थान में सीकर, झुंझुनूं, नीम का थाना, नागौर, डीडवाना- कुचामन, जोधपुर जोधपुर ग्रामीण, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, चितौड़गढ़, बाड़मेर, भरतपुर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़, गंगानगर, बीकानेर, टोंक, अजमेर, दूदू, ब्यावर, केकड़ी, चूरू, बालोतरा, धौलपुर जिलों में जाट समाज चुनावी समीकरण बनाने और बिगाड़ने का दम खम रखता है. राजस्थान विधानसभा में औसतन 20% विधायक जाट जाति के होते हैं, यहां कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 30 से 40 विधानसभा सीटों पर जाट जाति का कैंडिडेट चुनाव जीत जाता है.

यदि 2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो जाट समुदाय के 34 विधायक जीत कर आए. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 30 और बीजेपी ने 29 टिकट जाट समुदाय के लोगों को टिकट दिए. इस बार के चुनाव की बात करें तो जाट समुदाय के मुखिया राजाराम मील ने राजस्थान तक से बातचीत में कहा कि कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टी में रहना पड़ेगा. हम किसी भी पार्टी के लिए कोई फतवा जारी नहीं करेंगे. किसी वक़्त राजस्थान की राजनीति में जाट समाज के नेताओं का दबदवा हुआ करता था.

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इनमें से नाथूराम मिर्धा, राम निवास मिर्धा, परसराम मदेरणा, शीश राम ओला और दौलत राम सारण जैसे नेताओं को भूला नहीं जा सकता है. वर्तमान में भी कांग्रेस और बीजेपी के जाट समाज से कई ऐसे नेता हैं जो अपनी कड़ी छाप छोड़ते हैं. यदि बात आरएलपी सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की करें तो भी प्रमुख जाट चेहरों में से एक हैं.जाट समाज में युवा वर्ग का एक भाग बेनीवाल से काफी प्रभावित है. पिछले विधानसभा चुनाव में आरएलपी ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी.इस बार के विधानसभा चुनाव में जाट समाज कांग्रेस और बीजेपी दोनों से 40- 40 सीटों की मांग कर रहा है. इसके अलावा मार्च में आयोजित हुए जाट महाकुंभ में इस बार जाट सीएम बनाने की मांग भी प्रमुखता से उठी.

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