सीएम गहलोत ने किया महंगाई राहत कैंप का प्रचार, लेकिन सरपंचों ने खोल दी पोल!

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CM Gehlot campaigned for inflation relief camp but Sarpanchs exposed!
गांव में सरपंच और पटवारी रीढ़ की हड्डी की तरह होते हैं। जरा सोचिए, कोई ग्रामीण जब सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए जाएगा तो उन्हें जब यही व्यक्ति नहीं मिलेंगे तो सोचिए लोगों को कैसे सरकार की योजनाओं का लाभ मिल पाएगा। एक तरफ गहलोत सरकार महंगाई राहत कैंप के जरिए अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में कई जगह सरपंच, पटवारी धरने पर बैठे हैं। सरपंचों का आरोप है कि सरकार की योजनाएं जमीनी स्तर पर प्रभावी नहीं है। कहीं मनरेगा में ऑनलाइन हाजिरी के लिए नेटवर्क ही नहीं है तो कहीं पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा में नहीं जोड़ा गया है। कहीं सरपंचों को विधायक परेशान कर रहे हैं, अब ऐसे में जब लोगों को योजना का लाभ ही नहीं मिल पाएगा तो फिर ऐसी योजना का क्या फायदा। कुछ ऐसे ही आरोप इसे लेकर विपक्ष भी लगा रहा है। बीजेपी प्रवक्ता और चौमूं विधायक रामलाल शर्मा का कहना है कि सरकार द्वारा जनता को सिर्फ परेशान करने का काम किया जा रहा है। 40 डिग्री टेंपरेचर में आम जनता को कहा जा रहा है कि आप आइए और हमारी योजनाओं का रजिस्ट्रेशन करवाने का काम कीजिए, जबकि सरकार की योजनाओं का रजिस्ट्रेशन तो पहले ही हो चुका है. इन योजनाओं पर रजिस्ट्रेशन हुआ तभी तो जनता को योजनाओं का लाभ देने का काम किया जा रहा है।
CM Gehlot campaigned for inflation relief camp but Sarpanchs exposed!