धार्मिक स्थलों के अलावा अयोध्या के इन जगहों को जरूर करें एक्सप्लोर!
आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए उन जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें आपको अपनी अयोध्या ट्रिप की लिस्ट में जरूर शामिल करना चाहिए.
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उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित अयोध्या को भगवान श्री राम का जन्म स्थान माना गया है, जो सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है. आपको बता दें, ये एक धार्मिक स्थल के साथ-साथ एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है. ऐसे में अगर आप भी खूबसूरत अयोध्या को देखने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए उन जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें आपको अपनी अयोध्या ट्रिप की लिस्ट में जरूर शामिल करना चाहिए.
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तुलसी स्मारक भवन
इस तुलसी स्मारक की स्थापना 16वीं शताब्दी के संत-कवि गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में साल 1969 में की गई थी. माना जाता है कि इसी स्थान पर तुलसीदास जी ने रामचरित की रचना की थी. आपको बता दें, यह एक विशाल पुस्तकालय है जहां आपको साहित्य का भंडार देखने को मिलेगा. इसके अलावा इस स्मारक में 'अयोध्या अनुसंधान संस्थान' नामक एक शोध केंद्र भी है. इसका उपयोग अयोध्या के बारे में साहित्यिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जानकारी के अध्ययन और महत्व को जोड़ने के लिए किया जाता है. खास बात ये है कि यह स्मारक रामायण कला और शिल्प को प्रदर्शित करता है.
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बहू बेगम का मकबरा
बहू बेगम का मकबरा “पूर्व का ताजमहल” के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें, नवाब शुजा-उद-दौला की पत्नी और रानी दुल्हन बेगम उन्मतुजोहरा बानो को समर्पित यह मकबरा अयोध्या के सबसे ऊंचे स्मारकों में गिना जाता है. इसका निर्माण साल 1816 में रानी की याद में करवाया गया था. उस वक्त इसके मिर्माण में कुल 3 लाख रुपए की लागत आई थी. इस मकबरे के ऊपर से पूरे शहर का बेहतरीन नजारा देखने को मिलता है. आज ये परिसर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत एक संरक्षित स्थल है.
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गुप्तार घाट
यह घाट सरयू नदी के तट पर बसा है, जिसे घग्गर घाट के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें, पहले गुप्तार घाट की सीढ़ियों के पास कंपनी गार्डन हुआ करता था जिसे अब गुप्त घाट वन कहा जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी स्थान पर भगवान राम ने ध्यान किया था और उसके बाद जल समाधि ली थी, जिसके बाद श्री राम ने बैकुंठ प्राप्त किया था. इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने यहां एक थीम पार्क, अत्याधुनिक लाइट, चौड़ी सड़क, खूबसूरत चौराहों का निर्माण किया है.
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छोटी छावनी
छोटी छावनी को वाल्मीकि भवन और मणिराम दास छावनी के नाम से भी जाना जाता है. यह अयोध्या की शानदार संरचनाओं में से एक है, जिसे पूरी तरह से सफेद संगमरमर से तैयार किया गया है. आपको बता दें, छोटी छावनी में कुल 34 गुफाएं हैं, दक्षिण में 12 बौद्ध मंदिर हैं, केंद्र में 17 हिंदू मंदिर हैं और उत्तर में 5 जैन मंदिर हैं. आप जब भी अयोध्या आएं तो इस जगह एक बार जरूर घूमने जाएं.
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दंत धावन कुंड
इस जगह को राम दतौन भी कहते हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम इसी कुंड के पानी से अपने दांत साफ करते थे. अगर आप अयोध्या जा रहे हैं, तो इस कुंड को भी जरूर देखने जाएं.
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