Fact Check: राफेल पायलट शिवांगी को शिवानी बता पाकिस्तानियों ने कहा- हमने इसे पकड़ लिया, सामने आई पूरी सच्चाई

News Tak Desk

Pakistan fake claim Shivani Singh: पाकिस्तानी सोशल मीडया हैंडल्स ने महिला पायलट शिवानी सिंह को पाकिस्तान के कब्जे में होने का दावा किया है. उनका दावा है कि शिवानी सिंह जेट से कूंदी और उन्हें पाकिस्तान सेना ने कब्जे में ले लिया.

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तस्वीर: न्यूज तक.
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भारत-पाकिस्तान क्लैश के बीच पाकिस्तानियों ने फिर सोशल मीडिया पर झूठे दावे किए हैं. एक-एक करके इनके दावों की पोल खुलती जा रही है. इनके झूठ के नैरेशन को भारतीय मीडिया और PIB परत-दर-परत खोल रहा है. इनके खोखले और झूठे दावे का लगातार पर्दाफाश हो रहा है. इन्हीं झूठ में से एक है 'पायलट शिवानी' का पाकिस्तान के कब्जे में होना. 

पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर ये दावा किया गया है कि स्क्वाड्रन लीडर शिवानी सिंह को उन्होंने पकड़ लिया है. वे उनके कब्जे में है. यही नहीं सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सोशल हैंडल से तस्वीर भी जारी की गई. तस्वीर में एक महिला पायलट है. पाकिस्तानी इसे शिवानी सिंह बता रहे हैं. वे दावा कर रहे हैं जब महिला पायलट जेट से कूदी तभी उसे पकड़ लिया गया. 

Fact चेक में हुआ ये खुलासा

 प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो (PIB) के फैक्ट चेक में पता चला भारतीय महिला वायुसेना पायलट को नहीं पकड़ा गया है. पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया हैंडल का दावा है कि भारतीय महिला वायुसेना पायलट स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह को पाकिस्तान में पकड़ लिया गया है. पीआईबी के फैक्ट चेक में इस दावे को पूरी तरह से झूठा पाया गया है. 

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किसकी तस्वीर है ये? 

पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर जो तस्वीर वायरल हो रही है वो किसकी है. दरअसल ये शिवानी सिंह नहीं बल्कि शिवांगी सिंह की तस्वीर है. शिवांगी सिंह मूल रूप से वाराणसी की रहने वाली हैं.  इन्हें राफेल की शेरनी के नाम से जाना जाता है. ये पहली भारतीय महिला पायलट स्क्वाड्रन लीडर हैं जो फ्रांस में बने सिंगल-सीट राफेल जेट को उड़ाती हैं. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जन्मी शिवांगी सिंह एक साधारण परिवार से हैं. वहां से निकलकर भारतीय वायुसेना की पहली महिला राफेल पायलट बनने तक का सफर काफी अद्भुत और प्रेरक है. उनके पिता का नाम कुमारेश्वर सिंह और माता सीमा सिंह है. इनके नाना कर्नल बीएन सिंह, भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं.

शिवांगी की शिक्षा और बचपन का संघर्ष

शिवांगी ने प्रारंभिक शिक्षा सेंटमेरी स्कूल और फिर सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल, वाराणसी से पूरी की. उन्होंने सनबीम विमेंस कॉलेज, भगवानपुर से बीएससी की डिग्री हासिल की और इसी दौरान एनसीसी (NCC) से जुड़कर सेना में जाने का सपना साकार संजोने लगीं. एक बार अपने नाना के साथ वायुसेना संग्रहालय देखने गईं और पायलट बनने का ठान लिया. 2015 में शिवांगी ने भारतीय वायुसेना की परीक्षा पास कर डेढ़ साल की ट्रेनिंग लेकर देश की पहली पांच महिला फाइटर पायलटों की ऐतिहासिक टीम का हिस्सा बनीं. प्रशिक्षण के बाद उन्होंने मिग-21 बाइसन, जो एक सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, उसपर उड़ान भरी. 

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