6 अक्टूबर से इन राशियों पर मंडरा सकता है खतरा, शनि-चंद्र का विष योग लाएगा मुश्किलें
6 अक्टूबर 2025 से शनि और चंद्रमा का विष योग मेष, मीन और सिंह राशि वालों के लिए मुश्किलें ला सकता है. इस दौरान आर्थिक नुकसान, सेहत खराब होने और रिश्तों में तनाव की आशंका है.

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की चाल समय-समय पर शुभ और अशुभ योग बनाती है, जो मानव जीवन और वैश्विक घटनाओं को प्रभावित करती है. इस बार 6 अक्टूबर 2025 को एक दुर्लभ और अशुभ योग बनने जा रहा है, जिसे विष योग कहा जाता है. यह योग 30 साल बाद शनि और चंद्रमा की युति से कुंभ राशि में बन रहा है.

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ज्योतिषियों के मुताबिक, शनि देव इस समय मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, और 6 अक्टूबर को चंद्रमा भी मीन राशि में प्रवेश करेंगे. इस युति से बनने वाला विष योग कुछ राशियों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है. आइए जानते हैं, किन राशियों को रहना होगा सावधान और क्या हो सकते हैं प्रभाव.

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मेष राशि वालों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है. विष योग आपकी कुंडली के 12वें भाव में बनेगा, जो खर्चों और नुकसान का घर माना जाता है. इस दौरान अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं. पार्टनरशिप में कारोबार करने वालों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. कार्यस्थल पर बॉस के साथ मतभेद हो सकते हैं, जिससे मानसिक तनाव बढ़ेगा.

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मीन राशि वालों के लिए विष योग उनकी राशि के पहले भाव में बनेगा, जो व्यक्तित्व और स्वास्थ्य से जुड़ा है. इस दौरान आपको आर्थिक मामलों में सतर्कता बरतनी होगी. किसी को उधार देने से बचें, क्योंकि धन वापसी में दिक्कत हो सकती है. जीवनसाथी की सेहत खराब हो सकती है, और उनके साथ किसी बात को लेकर तनाव बढ़ सकता है.

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सिंह राशि के लिए विष योग आठवें भाव में बनेगा, जो रहस्य, स्वास्थ्य और जोखिम से संबंधित है. इस दौरान आपको किसी गुप्त रोग या स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है. सामाजिक प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ सकता है, इसलिए विवादों से बचें. कारोबार में मंदी का सामना करना पड़ सकता है.

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क्या करें उपाय? शनिदेव की पूजा करें और शनिवार को तिल का दान करें. चंद्रमा की शांति के लिए सोमवार को दूध या चावल का दान करें. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें. अनावश्यक खर्च और जोखिम भरे निवेश से बचें.

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6 अक्टूबर 2025 से बनने वाला विष योग मेष, मीन और सिंह राशि वालों के लिए मुश्किलें ला सकता है. इस दौरान आर्थिक मामलों, स्वास्थ्य और रिश्तों में सावधानी बरतें. ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर इस योग के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है. सतर्कता और धैर्य के साथ इस समय को पार करें.