बिहार बना मेडिकल हब: 2005 में 6, अब 42 मेडिकल कॉलेज का सफर पूरा होने को तैयार
2005 में बिहार में सिर्फ 6 मेडिकल कॉलेज थे, अब संख्या 42 तक पहुंच रही है. नीतीश सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के लक्ष्य के करीब है.
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2005 में जहां बिहार में सिर्फ 6 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं अब संख्या 42 तक पहुंचने वाली है. यह न सिर्फ बिहार के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करेगा बल्कि आम लोगों को बेहतर इलाज और युवाओं को मेडिकल शिक्षा के अधिक अवसर उपलब्ध कराएगा. नीतीश सरकार के हालिया फैसले से बिहार अब हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने के अपने वादे को पूरा करने के करीब पहुंच गई है. हाल ही में राज्य कैबिनेट ने सात जिलों में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोलने की मंजूरी दी है.
ये है अस्पतालों की मौजूदा स्थिति
इस समय बिहार में कुल 15 मेडिकल कॉलेज (जिनमें केंद्र सरकार के भी शामिल हैं) संचालित हो रहे हैं. जबकि 2005 में राज्य में केवल 6 मेडिकल कॉलेज थे. इसके अलावा, 20 मेडिकल कॉलेज अलग-अलग जिलों में निर्माणाधीन हैं. जब ये सभी 20 निर्माणाधीन और हाल ही में स्वीकृत सात मेडिकल कॉलेज चालू हो जाएंगे, तब राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 42 हो जाएगी.
7 मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव
पिछले हफ्ते नीतीश कैबिनेट ने 7 और मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दे दी है. इनमें किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवलर, शेखपुरा जिले शामिल हैं. इन सात जिलों में मेडिकल कॉलेज को मंजूरी के बाद बिहार के सभी 38 जिलों को एक-एक मेडिकल कॉलेज देने का लक्ष्य पूरा हो गया है. बताते चलें, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार अपने भाषणों में कहा है कि उनकी सरकार की योजना हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की है. स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भी उन्होंने इस लक्ष्य को दोहराया था, जिसे पूरा कर लिया गया है.
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फिलहाल चल रहे 15 मेडिकल कॉलेज
इस वक्त बिहार में 15 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं. इनमें पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस, ईएसआईसी (बिहटा), एआईआईएमएस (पटना), डीएमसीएच, दरभंगा, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज, गया, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, भागलपुर, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर, सरकारी मेडिकल कॉलेज, बेतिया, जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज, मधेपुरा, सरकारी मेडिकल कॉलेज, पूर्णिया, भगवान महावीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नालंदा, रामजानकी मेडिकल कॉलेज, समस्तीपुर, सरकारी मेडिकल कॉलेज, छपरा (सारण) हैं. इन्हें सरकार की ओर से चलाया जा रहा है.
20 निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज
इसके अलावा 20 और ऐसे जिले हैं, जहां मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं. इन जिलों में जमुई, बक्सर, सीवान, आरा, वैशाली, बेगूसराय, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, मुंगेर और दरभंगा (जहां दूसरा एम्स बन रहा है). बताते चलें कि नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरभंगा एम्स की आधारशिला रखी थी.
पुराने मेडिकल कॉलेजों का अपग्रेडेशन
बिहार में कुल नौ निजी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे है. इसके अलावा राज्य सरकार छह पुराने मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड कर रही है. पीएमसीएच, पटना को 5462 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदला जा रहा है. 5540 करोड़ रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट पर काम जारी है. मई 2025 में मुख्यमंत्री ने 1117 बेड वाले ट्विन टॉवर का उद्घाटन किया. पूरा प्रोजेक्ट मार्च 2027 तक पूरा किया जाना है. पीएमसीएच की स्थापना 1925 में हुई थी. इसके अलावा आईजीआईएमएस, पटना को 3000 बेड वाले अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है. अन्य पांच पुराने मेडिकल कॉलेज को भी इन्हें 2500 बेड अस्पतालों में विकसित किया जाना है.