बिहार में ग्रामीण सड़कों की बड़ी उपलब्धि, 40 हजार किमी से ज्यादा सड़कें बनीं पक्की
बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (MMGSY) के तहत अब तक 40,893 किमी से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण पूरा किया.
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बिहार सरकार ने ग्रामीण सड़कों के विकास को माध्यम बनाकर राज्य के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को एक नई दिशा देने का सफल प्रयास किया है. मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (एमएमजीएसवाय) के अंतर्गत राज्य में अब तक 40 हजार 893 किमी से भी अधिक सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. जबकि ग्रामीण कार्य विभाग ने कुल 49 हजार, 541.7 किलोमीटर सड़क के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यानी लक्ष्य का 80 प्रतिशत से भी अधिक निर्माण कार्य को पूरा कर लिया गया.
इन सड़कों के निर्माण से राज्य के 24 हजार से भी अधिक गांवों को पक्की सड़कों की सौगात मिली है. चूंकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 500 तक की आबादी वाले टोलों को ही शामिल लिया जा सकता है. इसलिए इससे छोटी आबादी वाले टोलों को संपर्कता देने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की शुरुआत वर्ष 2013 में की गई थी. अब हर टोले को पक्की बारहमासी सड़क से जोड़ने की दिशा में ग्रामीण कार्य विभाग जुटा हुआ है.
ग्रामीण कार्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत 49 हजार, 541.309 किमी लंबाई की कुल 33 हजार 618 किमी सड़कों के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है. इनमें अबतक 80 प्रतिशत से भी अधिक परियोजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं. यह राज्य में ग्रामीण संपर्कता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है.
ग्रामीण सड़कों की निर्माण का जिलावार आंकड़ा
सड़क निर्माण की संख्या और लंबाई के आधार पर मुजफ्फरपुर जिला इस योजना के क्रियान्वयन में राज्यभर में अव्वल है. मुजफ्फरपुर के लिए निर्धारित अबतक 2830.99 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का लक्ष्य है. जिसके विरुद्ध 2581.278 किमी सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है. इसके बाद मधुबनी जिला में कुल 2455.21 किमी का निर्माण पूर्ण हो चुका है. जबकि, अररिया में 2628.175 किमी के लक्ष्य के विरुद्ध 2305.858 किमी और पूर्वी चंपारण में 2770.415 किमी के लक्ष्य के विरुद्ध 2180.896 किमी सड़क का निर्माण पूरा किया जा चुका है.
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ग्रामीण सड़कों के निर्माण से न केवल आवागमन सुगम हुआ है, बल्कि सड़क सुरक्षा में भी व्यापक सुधार दर्ज की गई है. इससे न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिला है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं. साथ ही राज्य में कृषि व औद्योगिक गतिविधियों को रफ्तार मिल रहा है. बेहतर कनेक्टिविटी से ग्रामीण आबादी को शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सेवाओं तक आसान पहुंच मिली है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को मजबूती मिली है.