SIR पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश- ऑफलाइन होने वाले दावे और आपत्ति अब ऑनलाइन भी होंगे, राजनीतिक पार्टियों को जमकर लताड़ा

न्यूज तक

Supreme Court on SIR: हटाए गए वोटर्स अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से दावा-आपत्ति दर्ज कर सकेंगे. राजनीतिक पार्टियों से पूछा कि मतदाताओं की मदद के लिए आप क्या कर रहें है.

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Supreme Court order on SIR Bihar voter list
सुप्रीम कोर्ट में SIR पर हुई सुनवाई
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Supreme Court on SIR: बिहार में चल रही SIR(Special Intensive Revision) प्रक्रिया पर आज फिर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया कि हटाए गए वोटर्स को आपत्ति दर्ज करने और नाम जुड़वाने के लिए ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन भी ऑप्शन दें. साथ ही कोर्ट ने दस्तावेजों की मान्यता पर कहा है कि आधार कार्ड के साथ-साथ फॉर्म 6 में दिए गिए 11 दस्तावेज में से कोई भी जमा किया जा सकता है, जिनमें ड्राइविंग लाइसेंस, पासबुक, पानी का बिल जैसे डॉक्यूमेंट शामिल है. 

कोर्ट ने पार्टियों से पूछा- वोटर्स की मदद कैसे कर रहें?

सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मुद्दे पर सुनवाई के दौरान पार्टियों से सवाल पूछा कि आप लोग वोटर्स की मदद कैसे कर रहे है. दरअसल सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से कई सवाल-जवाब हुए. फिर जस्टिस सूर्यकांत ने पॉलिटिकल पार्टियों को मामले में चुप्पी साधने पर फटकार लगाई और उनकी सुस्ती पर सवाल पूछते हुए कहा कि राज्य की 12 राजनीतिक दलों में से सिर्फ 3 पार्टियां ही कोर्ट पहुंची. आखिर मतदाताओं की मदद के लिए आप क्या कर रहे है.

SIR समय सीमा में नहीं होगा बदलाव

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए विपक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि SIR की प्रक्रिया की समय सीमा बढ़ानी चाहिए. इसपर कोर्ट ने कहा कि समय सीमा में कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि अगर इस मामले में गंभीर प्रतिक्रिया आती है तो चुनाव आयोग समय-सीमा बढ़ाने पर विचार सकता है. 

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8 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पीड़ित व्यक्ति दावा और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकते हैं. चुनाव आयोग ने कोर्ट में साफ कहा कि हम घर-घर जाकर इस मामले का निपटारा कर रहे है लेकिन ये सिर्फ शिकायत कर रहे है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी.

1 सितंबर तक दर्ज करा सकते हैं आपत्ति

आपको बता दें कि 1 सितंबर तक इस मामले में पार्टी और जनता द्वारा आपत्ति दर्ज कराया जा सकता है. वहीं कोर्ट के एक नोट के अनुसार, यदि सभी मान्यता प्राप्त पॉलिटिकल पार्टी सहयोग करें तो 1.6 लाख BLA मिलकर रोजाना 16 लाख नामों की जांच कर सकते है. इस हिसाब से केवल 4-5 दिन में ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की लिस्ट जारी

पिछले सुनवाई के दौरान 14 अगस्त को कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट से काटे गए 65 लाख मतदाताओं का ब्यौरा 19 अगस्त तक वेबसाइट पर डालकर सार्वजनिक करें. हालांकि आयोग ने इसे पहले ही अपलोड कर दिया था.(यहां पढ़ें पूरी खबर)

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