स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर हो बिहटा एयरपोर्ट: नई दिल्ली में रोहित कुमार सिंह ने केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडु से की मुलाकात

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युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडु से शिष्टाचार भेंट की.

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युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडु से शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान उन्होंने पटना के बिहटा में निर्माणाधीन ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी और किसानों के महान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर करने की पुरजोर मांग दोहराई.

स्वामी सहजानंद सरस्वती: किसानों के संघर्ष की आवाज

रोहित कुमार सिंह ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि स्वामी सहजानंद सरस्वती का भारत के किसान आंदोलन में ऐतिहासिक योगदान रहा है. उन्होंने ज़मींदारी उन्मूलन के लिए निर्णायक संघर्ष किया और भारतीय किसान सभा जैसी क्रांतिकारी संस्था की स्थापना कर देशभर के किसानों को संगठित किया. उनके विचार आज भी ग्रामीण भारत और सामाजिक न्याय के आंदोलनों की प्रेरणा हैं.

बिहटा से जुड़ा है सहजानंद सरस्वती का गहरा नाता

सिंह ने यह भी बताया कि स्वामी जी का प्रसिद्ध ‘सीताराम आश्रम’ बिहटा में ही स्थित है, जो आज भी किसान चेतना का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए बिहटा में बन रहा नया एयरपोर्ट स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम से जाना जाना चाहिए. यह कदम न केवल बिहार के गौरव को राष्ट्रीय पहचान देगा, बल्कि देशभर के किसानों और युवाओं को एक वैचारिक प्रेरणा भी प्रदान करेगा.

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पहले भी उठा चुके हैं मांग

यह कोई पहली बार नहीं है जब रोहित कुमार सिंह ने यह मांग रखी हो. इससे पहले भी उन्होंने कई मंचों पर और पत्राचार के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार से इस पर विचार करने की अपील की है. उनका मानना है कि यह नामकरण एक ऐतिहासिक पुनर्स्मरण होगा, जिससे एक ऐसे जननायक को सम्मान मिलेगा, जिन्हें अक्सर मुख्यधारा के इतिहास में अनदेखा कर दिया गया.

केंद्रीय मंत्री का सकारात्मक रुख

बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडु ने स्वामी सहजानंद सरस्वती के योगदान की सराहना की और कहा कि सरकार हर वर्ग के योगदान को मान देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने यह आश्वासन दिया कि इस प्रस्ताव को मंत्रालय में विचार-विमर्श के लिए प्रस्तुत किया जाएगा.

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