बिहार में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को मिलेगा बढ़ावा, जीविका दीदीयों के साथ हुआ समझौता

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पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और जीविका के बीच गुरुवार को एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. यह समझौता विभाग द्वारा संचालित कुल 39 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस-2 उच्च विद्यालयों में छात्राओं के कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है.

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Economic empowerment of Women
फोटो प्रतीकात्मक है
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पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और जीविका के बीच गुरुवार को एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. यह समझौता विभाग द्वारा संचालित कुल 39 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस-2 उच्च विद्यालयों में छात्राओं के कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है.

समझौते पर हस्ताक्षर पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से अपर सचिव अनिल कुमार ठाकुर और जीविका के निदेशक (उद्यम) विनय कुमार राय द्वारा किया गया. पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव मनोज कुमार और जीविका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमांशु शर्मा इस मौके पर उपस्थित रहें.

समझौता ज्ञापन के मुख्य बिंदुओं में जीविका द्वारा "जीविका दीदी की रसोई" के माध्यम से सभी 39 कन्या आवासीय प्लस-2 विद्यालयों में रहने वाली छात्राओं को भोजन की सुविधा प्रदान की जाएगी. इसके अतिरिक्त स्वच्छता और कपड़े धोने की सेवाएं भी जीविका द्वारा ही प्रदान की जाएगी. विभाग द्वारा संचालित सभी 39 विद्यालयों में छात्राओं को पोषाक की आपूर्ति भी जीविका द्वारा की जाएगी.

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यह समझौता ज्ञापन तीन वर्षों के लिए वैध होगा. जिसे सेवा संतोषजनक पाए जाने पर अगले तीन वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है. यह समझौता वित्तीय वर्ष 2025-26 से विभाग द्वारा संचालित सभी 39 विद्यालयों में लागू होगा. 

छात्राओं के लिए इस समझौते से गुणवत्तापूर्ण और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. यहां छात्राओं को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिलेगा. साथ ही उन्हें स्वच्छ और धुले हुए कपड़े भी उपलब्ध होंगे. समय पर पोषाक की उपलब्धता से छात्राओं के शैक्षणिक विकास के लिए एक बढ़िया वातावरण बनेगा.

विभाग की ओर से छात्राओं के कल्याण में सुधार होगा और जीविका की सेवाओं के प्रबंधन में भी दक्षता आएगी. साथ ही इस प्रयास से पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण विभाग द्वारा संचालित होने वाले स्कूलों की छवि में भी सुधार आएगी. इसके अलावा जीविका के माध्यम ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. जिससे महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा, जो राज्य में सामाजिक विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा.

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