चिराग पासवान के हेलीकॉप्टर पर सवार हुए सिवान के 'कुख्यात' Khan Brothers, बिगड़ेगा NDA का गणित?

हर्षिता सिंह

Bihar News: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान ने सिवान के चर्चित कुख्यात..खान ब्रदर्स रईस और अयूब खान को कल अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है, इस दौरान उन्होंने कहा, 'इससे पार्टी सीवान में मजबूत होगी. 2025 में विपक्ष का सूपड़ा साफ होगा'.

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Bihar News: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान ने सिवान के चर्चित कुख्यात..खान ब्रदर्स रईस और अयूब खान को कल अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है, इस दौरान उन्होंने कहा, 'इससे पार्टी सीवान में मजबूत होगी. 2025 में विपक्ष का सूपड़ा साफ होगा' लेकिन बड़ी-बड़ी बाते करते चिराग बिहार में बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट का दावा करने वाले चिराग अब सवालों के घेरे में आ चुके हैं. सवाल ये की अब राजनीति में साफ सुथरा छवि दिखाने वाले चिराग को भी अब चुनाव लड़ने के लिए राजनीति के इसी पुराने Formule पर चलने को मजबूर होना पड़ गया, जिसमें सत्ता और अपराध का सांठ-गांठ हुआ करता है. 

ये तमाम सवाल आज चिराग पर क्यों उठ रहे हैं. अगर आप नहीं समझ पा रहे हैं तो हम आपको समझाएंगे. दरअसल जिस खान ब्रदर्स की चर्चा LJPR ज्वाइन करने के बाद से बिहार की राजनीति में खूब हो रही है. वो कोई मामूली से साफ सुथरा छवि वाले आम इंसान नहीं हैं..वो हत्या, अपहरण सहित कई गंभीर आपराधिक आरोपों में घिरे आरोपी हैं. जिनपर कई संगीन आरोप हैं और अब भी जमानत पर ही बाहर घूम रहे हैं.

खान ब्रदर्स के बारे में आपको बता दें कि खान ब्रदर्स के अयूब खान पर एक चर्चित ट्रिपल हत्याकांड का मामला दर्ज था. फिलहाल अयूब खान जमानत पर बाहर हैं. रईस खान भी कई मामले में मामले में जेल में रह चुके हैं. रईस खान भी सभी मामले में अभी जमानत पर है. अयूब खान के बेटे सैफ खान अभी पढ़ाई के साथ राजनीति में इंट्री की है, उन पर किसी तरह का कोई आपराधिक मामले दर्ज नहीं है.

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खान ब्रदर्स के दोनों भाई अयूब खान और रईस खान सिवान और आसपास जिलों के लिए एक चर्चित चेहरे हैं. पिछले MLC के चुनाव में मोहम्मद रईस खान निर्दलीय के तौर पर सिवान से चुनाव लड़े थे, जिसमें भाजपा को तीसरे नंबर पर भेजते हुए रईस खान ने दूसरे नंबर पर अपनी जगह बनाई थी. वही रईस खान जब MLC चुनाव के बाद अपने गांव ग्यासपुर लौट रहे थे तब उनके काफिले पर कार्बाइन से हमला किया गया था.उस वक्त से राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत बनाते हुए आगे बढ़ते गए. वही बताते चले कि रईस खान के पिता कमरुल हक खान बिहार पुलिस के जवान थे, कुछ वर्ष पहले कमरुल हक समाजवादी पार्टी से रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव भी लड़े थे, उन्हीं के पुत्र हैं खान ब्रदर्स के मोहम्मद अयूब खान और रईस खान और उनके पोते हैं मोहम्मद सैफ अली खान.

अपहरण सहित कई गंभीर आपराधिक आरोपों में घिरे और फिलहाल जमानत पर चल रहे सीवान के 'कुख्यात' खान ब्रदर्स के लोजपा (रामविलास) में शामिल होते ही एनडीए में घमासान मच गया है. बाहर तो सवाल उठ ही रहे थे. अब घर में घमासान शुरु हो चुका है. अब इसे लेकर पूर्व सांसद और सिवान बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश यादव ने आपत्ति जताई है. उन्होंने खान ब्रदर्स जैसे लोगों को राजनीतिक दलों द्वारा अपनी पार्टियों को स्थान देने को राजनीति के अपराधीकरण को बढ़ावा देने वाला बताया है.तो अब घर से ही बगावत की आवाज उठी है...जो इस तरफ इशारा कर रहा है कि चुनाव से पहले NDA का गणित बिगड़ सकता है. इन सब के बीच अब सवाल है कि आखिर चिराग को खान ब्रदर्स का सहारा क्यों लेना पड़ा..क्या सिवान में चिराग को कोई साफ सुथरी छवि का व्यक्ति नहीं मिला.

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