GST में बदलाव के बाद टाटा की गाड़ियां हुई डेढ़ लाख रुपये तक सस्ती
GST 2.0 के तहत टैक्स में कटौती के बाद टाटा मोटर्स ने अपनी कारों की कीमत 75,000 से 1.55 लाख रुपये तक घटा दी है. यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होगा और ग्राहकों को बड़ा फायदा मिलेगा.
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केंद्र सरकार की तरफ से 2 स्लैब वाली GST आने के बाद टाटा मोटर्स ने भी गाड़ियों की कीमत कम करने का ऐलान कर दिया है. यानी इस नए ऐलान के बाद अब टाटा की कारें 1.50 लाख रुपए तक सस्ती हो सकती है.
इस कटौती का सबसे ज्यादा असर टाटा नेक्सन पर होगा. खास बात ये है कि ये कंपनी के सबसे ज्यादा बिकने वाली मॉडल हैं. अब इस कार की कीमत करीब 1.55 लाख रुपए तक कम हो जाएंगी. नई कीमतें 22 सितंबर से लागू हो जाएंगी.
कंपनी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा ये फैसला
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कम होने का पूरा फायदा इसलिए लिया गाया ताकि GST में बदलाव का फायदा लोगों को मिल सके. यानी अब अगर आप 22 सितंबर से टाटा की गाड़ियां खरीदते हैं तो आपको 75,000 रुपये से लेकर 1.45 लाख तक फायदा हो सकता है.
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के एमडी शैलेश चंद्रा कहते हैं कि माननीय पीएम के विजन, वित्त मंत्री की इच्छा और हमारी कस्टमर फर्स्ट सोच के अनुसार टाटा मोटर्स जीएसटी में कमी का पूरा फायदा ग्राहकों को देगा.
अब जानते हैं कौन सी कार कितनी सस्ती होगी
कार कितनी सस्ती हुई
टाटा टियागो | 75,000 रुपये |
टाटा टिगोर | 80,000 रुपये |
टाटा अल्ट्रोज | 1.10 लाख |
टाटा पंच | 85,000 रुपये |
टाटा नेक्सॉन | 1.55 लाख |
टाटा कर्व | 65,000 रुपये |
टाटा हैरियर | 1.4 लाख |
टाटा सफारी | 1.45 लाख |
जीएसटी 2.0 के बारे में भी जान लीजिए
3 सितंबर 2025 को जीएसटी काउंसिल फैसला लिया कि गाड़ियों पर टैक्स घटाया जाएगा. इस फैसले का मुख्य उद्देश्य ऑटो सेक्टर को बढ़ावा देना और पहली बार गाड़ी खरीदने वालों को राहत देना है.
टाटा मोटर्स ने छोटी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर जीएसटी 22% से घटाकर 18% कर दिया गया है. बता दें कि छोटे पेट्रोल वाली गाड़ियों के इंजन क्षमता 1200cc और लंबाई 4000 मिमी तक सीमित है, वहीं छोटे डीजल वाहनों की इंजन क्षमता 1500cc तक और लंबाई 4000 मिमी तक है.
इसके अलावा टाटा कंपनी ने उन गाड़ियों 40% जीएसटी लगाने का फैसला किया है, जो छोटी कारों की कैटेगरी में नहीं आती है. इससे बड़ी गाड़ियां भी सस्ती हो जाएंगी, क्योंकि अब तक इन बड़ी और लग्जरी गाड़ियों पर जीएसटी और सेस मिलकार 40 से 50 फीसदी तक टैक्स लगता था.
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