GST Rate cut : इंश्योरेंस प्रीमियम पर धमाकेदार GST कट से राहत के साथ कार इंश्योरेंस में भी बड़ा फायदा
56वीं GST काउंसिल बैठक (सितंबर 2025) में इंश्योरेंस प्रीमियम (हेल्थ, लाइफ, एंडोमेंट, ULIP) पर लगने वाला 18% जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, जिससे पॉलिसीधारकों की बड़ी बचत होगी. साथ ही, थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया.
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देश के लोगों के लिए जीएसटी काउंसिल की बैठक किसी बजट डे की तरह साबित हुई. अब बजट में सस्ता-महंगा वाली घोषणाएं बहुत कम होती हैं. उससे ज्यादा बड़े फैसले तो जीएसटी काउंसिल में होते हैं. 15 अगस्त को पीएम मोदी ने जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स रिवीजन का ऐलान किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल ने देश को तोहफा दे दिया. ऐलान हो चुका है कि क्या सस्ता हुआ, क्या महंगा हुआ.
सवाल पुराना था- इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स क्यों?
देश में अरसे से हल्ला मच रहा था कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर सरकार टैक्स वसूलती है. जीएसटी भी छोटा-मोटा नहीं, 18 परसेंट लग रहा था. जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार ने धमाकेदार ऐलान करते हुए इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाला जीएसटी 18 से घटाकर सीधे जीरो कर दिया. मतलब कोई टैक्स नहीं देना होगा. सीधे हर प्रीमियम पर 18 परसेंट की बचत का रास्ता खुल गया है. सरकार ने इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी का सिस्टम ही खत्म कर दिया है. लाइफ, हेल्थ, एंडोमेंट, यूलिप पॉलिसीज पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा.
मोहित की कहानी से समझिए पूरी गणित
मोहित ने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ली हुई थी. हर महीने 10 हजार रुपए का प्रीमियम बनता था. उस पर 1800 रुपये और जुड़ जाते थे जीएसटी के. इससे मंथली प्रीमियम बनता था जीएसटी समेत 11 हजार 800 रुपये. 22 सितंबर से 1800 रुपये बच जाएंगे. केवल 10 हजार का प्रीमियम ही पे करना होगा.
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तो क्या पॉलिसी महंगी हो जाएगी?
कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट को लेकर GST कट के ऐलान से पहले हल्ला मचा रही थीं. हालांकि इंश्योरेंस कंपनियों के इनपुट क्रेडिट को लेकर क्लियरिटी नहीं आई है. ऐसी आशंका भी है कि कंपनियों इंश्योरेंस पॉलिसी को ही थोड़ा महंगा कर सकती हैं.
तो क्या कार इंश्योरेंस में भी मिली राहत?
दूसरी अच्छी खबर ये है कि हेल्थ, लाइफ इंश्योंरेस के प्रीमियम पर जीएसटी खत्म हुआ तो कारों के इंश्योंरेस में भी राहत मिली है. अब तक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर 12 परसेंट जीएसटी लग रहा था. सरकार ने कार इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी नहीं हटाया है, लेकिन उसे घटाकर 12 से 5 परसेंट कर दिया है.
...तो लोगों में बढ़ेगा इंश्योरेंस का क्रेज?
सरकार के इस फैसले से ये चिंता दूर होगी कि आज भी सिर्फ 7 परसेंट ही इंश्योरेंस से कवर्ड हैं. पॉलिसी लेना सस्ता होने से लोगों का इंश्योरेंस के लिए क्रेज बढ़ेगा. इलाज में लगने वाले खर्च का लोड कम होगा.
अस्पतालों में इलाज सस्ते होंगे
सरकार ने एक और कदम ये उठाया कि ओवरऑल मेडिकल सेक्टर को भी जीएसटी से बड़ी राहत दी है. 33 लाइफ सेविंग ड्रग्स सस्ते होंगे क्योंकि 12 परसेंट जीएसटी अब जीरो हो जाएगा. अस्पताल में इस्तेमाल होने वाले इक्वीपमेंट भी सस्ते होंगे. स्टेथोस्कोप, थर्मामीटर जैसी बुनियाद चीजें अब 5 परसेंट जीएसटी के दायरे में रहेंगी. अस्पतालों का जीएसटी लोड कम होने से इलाज सस्ता होगा.
सरकार को कितना घाटा होगा?
सरकार ने भी अपनी ओर से कुछ बड़ी कुर्बानी दी है. 2024 में इंश्योरेंस जीएसटी से सरकार को 16 हजार 398 करोड़ जीएसटी इनकम हुई थी. सबसे ज्यादा हेल्थ इंश्योरेंस से 8 हजार 263 करोड़ और लाइफ इंश्योरेंस से 8 हजार 135 करोड़ जीएसटी मिली था. रिन्युअल से भी करीब दो हजार करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. इंश्योरेंस पर जीरो जीएसटी से सरकार को मिले 16-17 हजार करोड़ नहीं मिलेंगे. देश में IRDAI से मान्यता प्राप्त 30 कंपनियां इंश्योरेंस में काम कर रही हैं. 25 कंपनियां जनरल इंश्योरेंस में हैं और 5 कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस में हैं.
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