ट्रेड डील हुई तो क्या धड़ाम से गिरेगा सोने का दाम? जानिए एक्सपर्ट्स की राय
Gold Price: सोने की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल. MCX पर Gold ₹1,10,640 प्रति 10 ग्राम तक पहुंचा. जानिए सोना क्यों महंगा हो रहा है, ट्रेड डील और निवेशकों पर इसका असर.
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पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अक्टूबर डिलीवरी वाला सोना ₹1,09,553 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है, जबकि दिसंबर डिलीवरी वाले सोने की कीमत ₹1,10,640 प्रति 10 ग्राम हो गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तेजी के पीछे कई कारण हैं, जिसमें केंद्रीय बैंकों की खरीदारी, ETF में निवेश में बढ़ोतरी, और भू-राजनीतिक तनाव शामिल है.
सोना क्यों हो रहा महंगा?
इस साल अब तक सोने की कीमतों में 40% से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है. इसके मुख्य कारणों में अमेरिका में महंगाई का स्थिर होना और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीद है. जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर आकर्षित होते हैं. इसके अलावा, वैश्विक मंदी का डर और अमेरिकी टैरिफ नीतियों से उत्पन्न अनिश्चितता भी सोने की कीमतों को बढ़ा रही है.
SMC ग्लोबल सिक्योरिटीज के CEO अजय गर्ग के अनुसार, व्यापार में तनाव और मंदी के डर ने डॉलर इंडेक्स को कमजोर किया है, जिससे सोने में निवेश बढ़ गया है. कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि MCX पर सोना ₹1,15,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है.
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ट्रेड डील का क्या होगा असर?
भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता का असर भी सोने की कीमतों पर दिख रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ने इस वार्ता के जल्द सफल होने की उम्मीद जताई है. इस घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई, जबकि सोने की कीमतों में थोड़ी गिरावट देखी गई.
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता हो जाता है, तो सोने की 'सुरक्षित मांग' कम हो सकती है, जिससे इसकी कीमतों में गिरावट आ सकती है. इसके विपरीत, अगर समझौता नहीं होता या नए टैरिफ लगाए जाते हैं, तो अनिश्चितता बढ़ने पर निवेशक सोने में निवेश बढ़ाएंगे, जिससे इसकी कीमत ऊपर जाएगी.
वहीं भारत और अमेरिका ट्रेड डील के केस में व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने भरोसा जताया है कि भारत और अमेरिका नवंबर 2025 तक व्यापार समझौते का पहला चरण पूरा कर लेंगे. लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि वैश्विक हालात बदल सकते हैं. इसलिए निवेशकों को अपने जोखिम और निवेश अवधि के अनुसार संतुलित रणनीति अपनानी चाहिए.
निवेशकों के लिए सलाह
निवेशक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि शेयरों में निवेश करें या सोने में. SEBI रजिस्टर्ड कमोडिटी एक्सपर्ट अनुज गुप्ता निवेशकों को सलाह देते हैं कि उन्हें अपने पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी बढ़ानी चाहिए. हालांकि, HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी का कहना है कि निवेशकों को शेयर और बुलियन दोनों में संतुलन बनाए रखना चाहिए. उनके अनुसार, पोर्टफोलियो में सोने की 10-15% हिस्सेदारी रखी जा सकती है.
चॉइस ब्रोकिंग के यश सावंत की सलाह है कि FOMC की आगामी बैठक तक नया निवेश करने से बचना चाहिए, क्योंकि बैठक के बाद कीमतों में उतार-चढ़ाव या स्थिरता देखने को मिल सकती है. निवेशकों को हमेशा अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेने के बाद ही कोई कदम उठाना चाहिए.
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