Age wise investment portfolio: 30 से 60 साल तक कैसा हो इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो जो कभी न होने दे पैसे की कमी

बृजेश उपाध्याय

30 साल के विभूति ने तय किया कि वे रिटायरमेंट तक बिना टेंशन फाइनेंशियली सिक्योर रहेंगे. जानिए उन्होंने कैसे 30 से 60 साल तक के लिए उम्र के हिसाब से परफेक्ट इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो प्लान बनाया.

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तस्वीर: AI
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दिल्ली में रहने वाले विभूति (उम्र 30) एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं. उन्होंने हाल ही में फैसला किया कि वे अभी से अपनी रिटायरमेंट की तैयारी शुरू करेंगे, ताकि जिंदगी भर कभी पैसों की टेंशन न हो. विभूति ने अपने लिए एक 30 साल की इनवेस्टमेंट जर्नी प्लान की, जिसमें हर दशक के हिसाब से पोर्टफोलियो का री-बैलेंस भी शामिल है. 

विभूति के सामने उम्र के हिसाब से पोर्टफोलियो बनाने को लेकर जो सवाल हैं वे लगभग सभी युवाओं के मन में होता है. उम्र और जिम्मेदारियां बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति का फाइनेंशियल गोल भी बदलता है. साथ रिस्क लेने की क्षमता भी कम होती है. Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको विभूति का उदाहरण देते हुए उम्र के हिसाब से पोर्टफोलियो बनाने की पूरी फाइनेंशियल स्ट्रैटजी बताने जा रहे हैं. 

30 की उम्र: रिस्क लो, ग्रो करो

"मुझे अभी रिस्क लेने से डर नहीं लगता, क्योंकि अभी मेरे पास वक्त है," इस उम्र में ये कथन केवल विभूति का नहीं बल्कि अधिकांश युवाओं का हो सकता है. 

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पोर्टफोलियो:

  • 60% इक्विटी (SIP, शेयर मार्केट)
  • 15% डेट फंड (PF, PPF)
  • 10% आपातकालीन फंड (इसे लिक्विड फंड में रख सकते हैं)
  • 10% गोल्ड 
  • 5% हेल्थ+टर्म इंश्योरेंस

गोल:

  • पैसे बनाना और टैक्स बचत

40 की उम्र: बैलेंस और सेफ्टी पर फोकस

"अब मेरी जिम्मेदारियां बढ़ चुकी हैं. बच्चों की पढ़ाई, घर का EMI, हेल्थ." 40 की उम्र में विभूति ऐसा कहेंगे. 

पोर्टफोलियो:

  • 45% इक्विटी (Large Cap + Hybrid Funds)
  • 25% डेट फंड (PPF, Bonds, EPF)
  • 10% आपातकालीन
  • 10% सोने में निवेश
  • 10% इंश्योरेंस (टर्म + हेल्थ + क्रिटिकल इलनेस)

गोल:

  • रिस्क कम करना, स्टेबिलिटी लाना. 

50 की उम्र: प्री-रिटायरमेंट तैयारी

"अब मैं रिस्क कम करता हूं, और पेंशन सिस्टम पर ध्यान देता हूं."-  विभूति

पोर्टफोलियो:

  • 30% इक्विटी (सिर्फ Large Cap या Conservative Hybrid)
  • 40%डेट (SCSS, EPF, FD, RBI Bonds)
  • 10% इमर्जेंसी फंड
  • 10% गोल्ड
  • 10% हेल्थ इंश्योरेंस + रिटायरमेंट प्लानिंग 

गोल:

  • पंजी सुरक्षित करने के साथ सॉफ्ट इनकम का इंतजाम करना

60 की उम्र: आराम से जीने का फेज

"अब फोकस है- हर महीने इनकम मिले और इलाज के लिए पैसे रहें."

पोर्टफोलियो:

  • 15-20% इक्विटी (Dividend Mutual Funds)
  • 50-60% डेट (PMVVY, SCSS, Annuities, FD)
  • 10% आपातकालीन मेडिकल फंड
  • 10% गोल्ड
  • 10% हेल्थ इंश्योरेंस और लॉन्ग टर्म केयर प्लान

गोल:

  • रेगुलर इनकम + स्वास्थ्य सुरक्षा

उम्र के हिसाब से ये बातें जरूरी

  • उम्र के साथ Equity घटाएं और Debt बढ़ाएं.
  • हर 5 साल में पोर्टफोलियो री-बैलेंस करें.
  • हेल्थ इंश्योरेंस को कभी नजरअंदाज न करें.

निष्कर्ष:

विभूति जैसे लोग हमें सिखाते हैं कि यदि 30 की उम्र से सही इनवेस्टमेंट की शुरूआत करें, तो रिटायरमेंट के वक्त आर्थिक रूप से पूरी तरह स्वतंत्र हुआ जा सकता है. आपके पास जितना वक्त है, उसी हिसाब से अपने पोर्टफोलियो को मैनेज करें.  

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