home loan emi salary calculation: EMI का डर या सपनों का घर? प्लानिंग करने में ये फार्मूला करेगा मदद

बृजेश उपाध्याय

सपनों का घर EMI के चलते बन न जाए टेंशन का घर. जानिए कैसे आकश ने अपनी सैलरी, होम लोन और इमर्जेंसी फंड की स्मार्ट प्लानिंग की.

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तस्वीर: AI
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नौकरी हो या बिजनेस, हर किसी का सपना होता है एक अपना घर. पर क्या EMI का डर आपको रोक रहा है? 36 साल के आकाश मेट्रो सिटी में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. उनकी सबसे बड़ी चिंता थी- "कहीं EMI की वजह से मेरी मंथली जिंदगी पर बोझ न आ जाए!" लेकिन थोड़ी सी फाइनेंशियल समझदारी और सही प्लानिंग से आकाश ने इस डर को हरा दिया. 

घर खरीदने से पहले क्या सोचें?

विक्टर की मंथली टेक होम सैलरी है ₹80,000 और सालाना इनकम ₹9.60 लाख है. वे कितने तक की प्रॉपर्टी खरीदें जिससे उनके ऊपर EMI का बड़ा बोझ न पड़े और दैनिक जीवन भी बिना किसी टेंशन के चलता रहे. पैसों की इतनी कमी न हो कि रोजमर्रा के जीवन में उन्हें दूसरे कर्ज लेने पड़ें. 

पहले ये फार्मूला लगाए

आकाश ने सबसे पहले अपनी मंथली टेक होम पर एक फॉर्मूला लगाया. वो है सैलरी का 4 गुना. इसे 5 गुना भी कर सकते हैं. आकाश ने अपने घर का बजट सैलरी के 5 गुना रखा. यानी आकाश ने 40 लाख के फ्लैट का चुनाव किया. 

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घर का लोकेशन और EMI भी महत्वपूर्ण 

आकाश ने केवल बजट ही नहीं बनाया बल्कि घर का लोकेशन भी एक पैरामीटर पर परखा. देखें:  

  • स्कूल, अस्पताल, बाजार पास में.
  • सड़क कनेक्टिविटी शानदार हो.
  • भविष्य में रेंटल वैल्यू भी अच्छी हो.

EMI के लिए ये फार्मूला सटीक

आकाश के सामने ये चुनौती थी कि उन्हें अपनी EMI कितनी रखनी चाहिए जो बजट के हिसाब से सटीक हो. मासिक बजट पर बड़ा इम्पैक्ट न डालता हो. इसके लिए सही रेंज है सैलरी का 35-40% EMI रख सकते हैं. यही काम आकाश ने किया. उनके पास डॉऊन पेमेंट के लिए ₹20 लाख तैयार थे. उन्होंने ₹28 लाख का लोन 15 साल के लिए लिया. EMI बनी ₹26,600 प्रति माह, जो उनकी सैलरी का लगभग 33.25% है.

अब लोन के लिए CIBIL भी चेक करना जरूरी 

जब आकाश लोन लेने बैंक गए तो उनका CIBIL स्कोर चेक किया गया. अब सवाल ये आया कि होम लोन लेने के लिए आइडियल सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए, जिसस कम ब्याज दर पर लोन मिले. आकाश का सिबिल स्कोर 750+ था. ऐसे में बैंक से कम ब्याज दर पर लोन दे दिया. 

इमर्जेंसी फंड की भी तैयारी की

आकाश को जॉब इनसिक्योरिटी भी थी. आजकल के दौर में प्राइवेट सेक्टर में ये डर सभी को रहता है. इसलिए उन्होंने 6 महीने की EMI यानी ₹1.60 लाख का इमर्जेंसी फंड पहले ही तैयार किया. और बेहतर सुरक्षा के लिए उन्होंने इसे ₹3.20 लाख (1 साल) तक बढ़ाने की योजना बनाई. 

आकाश का मंथली बजट

खर्च का प्रकार राशि
EMI 26600
घर का जरूरी खर्च 20000
बिजली, पानी, गैस 3000
मोबाइल इंटरनेट 2000
हेल्थ/इंश्योरेंस/मनोरंजन 8000
ट्रांसपोर्ट 3000
इमर्जेंसी फंड 8000
बचत/निवेश 10000
सैलरी टेक होम (80,000) 80,000

EMI देने के बाद भी विक्टर हर महीने ₹10,000 की बचत और ₹8,000 का इमर्जेंसी फंड (सेविंग) कर पा रहे हैं. ये पैसा आगे चलकर लॉन्ग टर्म SIP, गोल्ड या म्यूचुअल फंड में लगाया जा सकता है.

निष्कर्ष

सपनों का घर लेना डर का सौदा नहीं, प्लानिंग का खेल है. अगर आप सैलरी, EMI और इमर्जेंसी फंड की सही प्लानिंग कर लें- तो बिना टेंशन के घर भी ले सकते हैं और बाकी खर्च भी संभाल सकते हैं. 

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