पॉपकॉर्न पर GST की चर्चा सोशल मीडिया पर इतनी क्यों हैं? क्या है ये पूरा मामला, जानें
सोशल मीडिया में पॉपकॉर्न की चर्चा खूब है. लोग इसपर तरह-तरह के मीम्स बना रहे हैं. पॉपकॉर्न के नए टैक्स रेट्स पर लोगों के खूब रिएक्शन भी आ रहे हैं.
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क्या आपके पॉपकॉर्न में केरेमल है? सॉलटेड पॉपकार्न पर 5 जीएसटी और केरेमल पॉपकार्न पर 18 परसेंट जीएसटी है तो फिर इस फ्लेवर पर कितना जीएसटी लगेगा? अब तो हवा और धूप पर भी टैक्स लगा देंगे. ये सारी बातें हो रही हैं सोशल मीडिया पर. दरअसल GST काउंसिल की 55वीं बैठक में कई फैसले हुए. उनमें से पॉपकॉर्न वाले फैसले पर बड़ा बवाल हो गया. सीतारमण ने कहा जो पॉपकॉर्न नमक मसालों के साथ आते हैं उन पर 5% GST लगाने का सुझाव दिया गया है. शर्त ये है कि वो पहले से पैक ना हों. जो पहले से पैक्ड पॉपकार्न हैं, उन पर 12 फीसदी GST लगेगा. कारमेलाइज्ड (मीठे) पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा.
सोशल मीडिया में पॉपकॉर्न की चर्चा खूब है. लोग इसपर तरह-तरह के मीम्स बना रहे हैं. पॉपकॉर्न के नए टैक्स रेट्स पर लोगों के खूब रिएक्शन भी आ रहे हैं. दरअसल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 55वीं बैठक शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में हुई और इसमें ही पॉपकॉर्न के टैक्स रेट्स पर फैसले लिए गए.
काउंसिल में पॉपकॉर्न पर एक नहीं, बल्कि तीन तरह के जीएसटी रेट्स पर सहमति बनी है. ये रेट्स पॉपकॉन के फ्लेवर्स पर तय किया गया है. फ्लेवर्स के आधार पर लगाई गई जीएसटी की दरों वाले फैसले की चर्चा लोगों के बीच काफी है.
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क्या हैं ये अलग-अलग GST रेट्स
पॉपकॉर्न यदि साधारण नमक और मसालों से तैयार है और ये पैकेज्ड और लेबल्ड नहीं है, तो फिर इस पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लागू होगा. वहीं दूसरी ओर अगर यही नमक और मसालों वाला पॉपकॉर्न पैकेज्ड और लेबल्ड होकर बेचा जाता है तो फिर इस पर टैक्स की दर 5 की जगह बढ़कर 12 फीसदी हो जाएगी. वहीं अगर इस पॉपकॉर्न को मीठा कर दिया जाए यानी शुगर फ्लेवर वाले पॉपकॉर्न पर और भी ज्यादा जीएसटी लेने का प्रस्ताव पास किया गया है. इसमें चीनी जैसे कारमेल से तैयार पॉपकॉर्न को 'चीनी कन्फेक्शनरी' की कैटेगरी में रखा गया है और इस पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा.
सोशल मीडिया पर आ रहे ऐसे कमेंट
सीतारमण के पॉपकॉर्न वाले फैसले के बाद मीम्स वालों की बाहार आ गई. सीतारमण के पॉपकॉर्न पर लगे जीएसटी को बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी की तीन फोटो से एक्स्प्लेन कर दिया. 5 परसेंट नॉर्मल पर प्रताप सारंगी की बेंडेज वाली तस्वीर, फिर 10 परसेंट और 18 परसेंट जीएसटी का एक्स्प्लेनेशन भी देख लीजिए.
हवा और धूप पर भी GST ?
वहीं किसी ने कहा कि पॉपकॉर्न भी अब 18 परसेंट टैक्स स्लैब में चला गया है...अब तो ये हवा और धूप पर भी जीएसटी लगा देंगे. सागर नाम के यूजर ने कहा अब आगे क्या पानी पर भी ऐसे जीएसटी लगेगा. सिप किया तो 5 परसेंट, निगल लिया तो 12 परसेंट, और गिरा दिया तो 18 परसेंट. ऐसी ही कशमकश में मेदू वड़ा लवर्स भी नजर आया. व्यंग कर कहा - मेदू वड़ा पर 5 परसेंट जीएसटी, दही में डूबे मेदू वड़ा पर 12 परसेंट जीएसटी और बूंदी के साथ वाले दही मेदू वड़ा पर 18 परसेंट जीएसटी.
फ्लेवर पर कितना GST ?
एआईएन पैरेडी नाम के यूजर ने लिखा - बड़े सिनेमा हॉल्स के मेन्यू में अब इंटरवल के दौरान पॉपकॉर्न को सूंघवा एड कर लिया गया है जो कि पूरी तरह से टैक्स फ्री होगा. सोशल मीडिया पर एक कशमकश और नजर आई. कई लोगों ने पूछा जब सॉल्टेड पॉपकॉर्न पर 5 परसेंट जीएसटी है और कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18 परसेंट, तो इस फ्लेवर पर कितना जीएसटी रेट होगा. ध्यान से देखिए पैकेट पर लिखा है सॉल्टेड एंड केरेमल. बात तो सोचने वाली है.
वहीं किसी ने लिखा- आपके पॉपकॉर्न में केरेमल है. फिर किसी ने एक पंक्ति में बैठे मोदी समेत बाकी मंत्रियों की फोटो लगाकर कहा - निर्मला ताई को मूवी दिखाने नहीं ले गए इसलिए उन्होंने पॉपकॉर्न पर जीएसटी बढ़ा दी.
अब इस मामले पर कांग्रेस भी हमलावर है. सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने कहा. अब अब संसद के अगले सत्र में सुनाई देगा. मैं पॉपकॉर्न वॉपकॉर्न नहीं खाती. मैं तो चमचमाती सरकारी गाड़ी से चलती हूं. मुझे पुरानी गाड़ी से क्या. वैसे निर्मला जी, एक सुझाव है - यह सैलरी वैलरी का क्या ढोंग करना. पूरी तो रख ही लेती हैं आप. आगे से बस पॉकेट मनी दे दिया कीजिए - खैर बचता तो वो भी नहीं है.
पॉपकार्न तो ठीक पर पुरानी गाड़ियों पर 18 फीसदी टैक्स क्यों?
एक यूजर ने पॉपकॉर्न के टैक्स की तुलना पुरानी गाड़ियों पर लगने वाले 18% GST से की और कहा, “पॉपकॉर्न पर 18% GST तो समझ में आता है क्योंकि यह लग्जरी स्नैक है, लेकिन वही दर उन पुरानी गाड़ियों पर क्यों, जो गरीब लोग खरीदते हैं?”
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