IVF के बाद रायपुर के अस्पताल में बच्चों की अदला-बदली? सुप्रीम कोर्ट में मामला, दिया ये जवाब
Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बच्चों की कथित अदला-बदली के एक गंभीर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है.
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Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बच्चों की कथित अदला-बदली के एक गंभीर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है. शीर्ष अदालत ने इस मामले पर विस्तार से विचार करने की जरूरत बताते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश पर नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है. यह मामला रायपुर के एक निजी अस्पताल से जुड़ा है, जहां एक दंपति के बच्चों की कथित तौर पर अदला-बदली हुई थी.
मामला क्या है?
याचिकाकर्ताओं ने रायपुर के एक निजी अस्पताल पर बच्चों की अदला-बदली का आरोप लगाया है. याचिकाकर्ता के वकील जे.के. शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनकी मुवक्किल ने आईवीएफ तकनीक से गर्भाधान के बाद एक लड़के और एक लड़की को जन्म दिया था. डिलीवरी के बाद महिला ने दोनों बच्चों को देखा था, लेकिन उन्हें नर्सरी में ले जाया गया. जब बच्चे वापस लाए गए, तो लड़के की जगह दूसरी लड़की थी.
डीएनए टेस्ट ने खोली पोल
याचिकाकर्ताओं ने अस्पताल प्रबंधन और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. जिसके बाद दोनों बच्चियों का डीएनए टेस्ट कराया गया. डीएनए रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ. एक बच्ची का डीएनए माता-पिता से मेल खाता था, जबकि दूसरी बच्ची का नहीं. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि यह बच्चों की अदला-बदली का स्पष्ट मामला है, जिसमें अस्पताल प्रबंधन की मिलीभगत हो सकती है.
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हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को बिना गहन जांच के खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने निजी अस्पताल के निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार किया था. याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की गहन जांच की मांग की है. उनका कहना है कि यह एक बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में सभी तथ्यों की गहराई से जांच जरूरी है. अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी, जिसमें कोर्ट इस मामले पर विस्तृत विचार करेगा.