छत्तीसगढ़: 12वीं के नतीजे में मजदूर की बेटी ने रचा इतिहास, परीक्षा से पहले ही दीवार पर लिखी ऐसी बात जो हो गई सच

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Chhattisgarh Topper Story: छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षा 2024 में मजदूर की बेटी धनेश्वरी यादव ने 96.4% अंक लाकर इतिहास रच दिया. परीक्षा से पहले उन्होंने घर की दीवार पर 95% लाने का लक्ष्य लिखा था, जो सच साबित हुआ.

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धनेश्वरी यादव(फोटो-सोशल मीडिया)
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Chhattisgarh Topper Story: छत्तीसगढ़ बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के रिजल्ट जारी कर दिए हैं. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नतीजे घोषित किए. इस बार दोनों कक्षाओं के टॉपर कांकेर जिले से हैं 10वीं में इशिका बाला और 12वीं में अखिल सेन ने टॉप किया. 10वीं में 76.53% और 12वीं में 81.87% छात्र पास हुए हैं. लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से बेहतर रहा. 10वीं में लड़कियों का पास प्रतिशत 80.70% और लड़कों का 71.39% रहा. बोर्ड परीक्षा के कई टॉपर्स की कहानियां संघर्ष और प्रेरणा से भरी हैं .

मजदूर की बेटी ने रचा इतिहास

मंदिर हसौद के रावण भाटा इलाके की धनेश्वरी यादव की कहानी हर किसी को प्रेरित करती है. दैनिक भास्कर से खास बातचीत में धनेश्वरी ने बताया कि उसके पिता फगवा यादव हमाली का काम करते हैं, जो सिर और पीठ पर भारी वजन ढोकर परिवार का पेट पालते हैं. मां संतोषी भी मजदूरी करती थीं, लेकिन पिछले छह महीनों से खराब स्वास्थ्य के कारण काम पर नहीं जा पा रही हैं. परिवार की आर्थिक तंगी के बावजूद धनेश्वरी ने 12वीं की परीक्षा में 96.4% अंक हासिल कर मेरिट लिस्ट में जगह बनाई. 

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दीवार पर लिखा 95% का लक्ष्य

धनेश्वरी की कहानी और भी खास तब बन जाती है, जब पता चलता है कि उन्होंने परीक्षा से पहले अपने घर की दीवार पर 95% अंक लाने का लक्ष्य लिखा था. रिजल्ट आया तो उन्होंने 500 में से 482 अंक हासिल कर अपने सपने को सच कर दिखाया. नतीजे देखकर उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. धनेश्वरी की बड़ी बहनें आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई नहीं कर पाईं, लेकिन इस बेटी ने ठान लिया था कि वह अपने परिवार का नाम रोशन करेगी.

धनेश्वरी का सक्सेस मंत्र: फोकस और नोट्स

धनेश्वरी ने बताया कि वह घंटों पढ़ाई नहीं करती थीं, बल्कि जितना पढ़ती थीं, पूरे फोकस के साथ पढ़ती थीं. लगातार नोट्स बनाने की उनकी आदत ने उन्हें परीक्षा में बिना किसी दबाव के अच्छे अंक लाने में मदद की. धनेश्वरी का सपना है कि वह बीकॉम की पढ़ाई पूरी कर बैंक में अफसर बनें. घर में उनकी तीन बड़ी बहनें और एक छोटा भाई है.

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