छत्तीसगढ़ में इंसानियत शर्मसार, बड़ी बहन ने 9 महीने के भांजे को 7 लाख में बेचा, बच्चा चोरी रैकेट का पर्दाफाश
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक महिला ने अपने ही 9 महीने के भांजे को 7 लाख रुपये में बेच दिया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया.
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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक महिला ने अपने ही छोटी बहन के 9 महीने के बच्चे को अगुवा कर 7 लाख रुपये में बेच दिया. इस मामले में पुलिस ने आरोपी महिला सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर बच्चे को सही सलामत बरामद कर लिया है.
छोटी बहन के बेटे को अगवा कर बेचा
मामला दुर्ग के कसारीडीह का है. यहां की निवासी पीड़िता सुखारिन बाई ने महिला थाने में सेक्टर-06 में FIR दर्ज करवाते हुए बताया था कि उसकी बड़ी बहन पटना में आर्केस्टा में डांस करती है, उसने अपनी छोटी बहन को जून महीने में बेटे के साथ अपने पास रहने यानी पटना बुलाया था.
सुखारिन के अनुसार वहां वह पांच दिन तक रही. जब वह वापस आ रही थी तो उसे स्टेशन तक छोड़ने उसकी बहन संगनी और उसका प्रेमी संतोष आया था. स्टेशन पर उन्होंने बच्चे को गोद में लेकर खाना लाने का बहाना बनाया और गायब हो गए.
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पीड़िता ने बताया कि जब वह वापस दुर्ग लौटी और अपने पति को इस बारे में बाताया तो उसने अपनी पत्नी के साथ इस मामले की शिकायत महिला थाना भिलाई में दर्ज कराई. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और आरोपी संतोष पाल के मोबाइल की लोकेशन ट्रैक किया.
पटना से पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने आरोपी की छोटी बहन संगनी से पूछताछ की जिससे इस मामले में संतोष पाल, प्रदीप कुमार और डॉक्टर बादल उर्फ मिथलेश का नाम सामने आया. इसके साथ ही हरियाणा के रहने वाले एफसीआई के रिटायर्ड चपरासी गौरी महतो को भी हिरासत में लिया गया.
पुलिस ने बताया कि संगनी बाई ने अपने ही बहन के बेटे का अपहरण कर प्रदीप को सौंप दिया था. प्रदीप ने बच्चे को डॉक्टर बादल के हवाले किया. इसके बाद बच्चे को 7 लाख रुपये में गौरी महतो को बेच दिया गया.
गौरी महतो के पास कोई संतान नहीं थी और संपत्ति विवाद में वारिस की जरूरत के कारण उसने यह सौदा किया था.
बच्चा चोरी रैकेट का भंडाफोड़
दुर्ग के एसएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए बिहार तक पुलिस टीम भेजी गई और वहां से बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया.
उन्होंने कहा कि फिलहाल आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया है, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है.
एएसपी ने बताया कि यह बच्चा चोरी का बड़ा रैकेट है. दुर्ग पुलिस की इस कार्रवाई के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है और लोग इसे बेहद शर्मनाक घटना करार दे रहे हैं.
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