ममता कुलकर्णी ने 23 साल की तपस्या, फिर लिया संन्यास का फैसला; किन्नर अखाड़ा ही क्यों चुना? चौंका देगा जवाब
Mamta Kulkarni Takes Sanyaas: ममता कुलकर्णी ने आगे कहा- "मुझे बॉलीवुड में वापस नहीं जाना था, इसलिए 23 साल पहले मैंने बॉलीवुड छोड़ दिया. अब मैं स्वतंत्र रूप से मध्यम मार्ग अपनाते हुए सनातन धर्म का प्रचार करूंगी. मैं इससे पूर्व 12 साल पहले यहां महाकुंभ में आई थी.'
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फिल्म एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी अब सनातन धर्म में शामिल हो गयी हैं. किन्नर अखाड़ा में शुक्रवार को विधि विधान से संन्यास दीक्षा के बाद ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर बन गईं, अब उनका नया नाम अब श्री यामाई ममता नंद गिरी हो गया है. किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, जूना अखाड़ा के जगदगुरू गर्गाचार्य मुचकुन्द पीठाधीश्वर स्वामी महेन्द्रानंद गिरि महराज और महामंडलेश्वर स्वामी जय अम्बानंद गिरी महराज ने महामंडलेश्वर श्री यामाई ममता नंद गिरी को आशीर्वाद दिया.
ममता कुलकर्णी ने इस प्रक्रिया के बाद बताया कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मेरी 23 साल की तपस्या को समझा और स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज ने मेरी परीक्षा ली. जिसमें मैं पास हो गई. मुझे नहीं पता था कि पिछले तीन दिनों से मेरी परीक्षा ली जा रही है. मुझे कल ही महामंडलेश्वर बनाने का न्यौता मिला. कुलकर्णी ने कहा, 'किन्नर अखाड़ा के मध्यम मार्गी होने के कारण मैं इसमें शामिल हुई."
ममता कुलकर्णी ने आगे कहा- "मुझे बॉलीवुड में वापस नहीं जाना था, इसलिए 23 साल पहले मैंने बॉलीवुड छोड़ दिया. अब मैं स्वतंत्र रूप से मध्यम मार्ग अपनाते हुए सनातन धर्म का प्रचार करूंगी. मैं इससे पूर्व 12 साल पहले यहां महाकुंभ में आई थी.'
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23 साल की तपस्या का फल मिला: ममता
ममता कुलकर्णी ने कहा कि स्वामी महेंद्रानद गिरि, इंद्र भारती महाराज और एक अन्य महाराज मेरे सामने ब्रह्मा विष्णु महेश के रूप में सामने आ गए. मेरे मन ने कहा कि तुमने 23 साल तपस्या की तो इसका सर्टिफिकेट (महामंडलेश्वर का पद) तो बनता ही है. अपने फिल्मी सफर के बारे में उन्होंने कहा, “मैंने 40-50 फिल्मों में अभिनय किया और फिल्म जगत को छोड़ते समय मेरे हाथ में 25 फिल्में थीं. मैंने किसी परेशानी में आकर संन्यास नहीं लिया, बल्कि आनंद की अनुभूति करने के लिए संन्यास लिया.”

ममता कुलकर्णी कैसे बनीं महामंडलेश्वर?
प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी शुक्रवार को किन्नर अखाड़ा पहुंचीं. आचार्यो ने संगम पर संन्यास दीक्षा और उनका पिण्डदान कराया. उसके बाद किन्नर अखाड़ा के शिविर में ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कार्यक्रम शुरू हुआ. किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज के नेतृत्व में विधि विधान से पूजन के बाद ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक संस्कार संपन्न हुआ.
महामंडलेश्वर बन गईं एक्ट्रेस
इस दौरान अखाड़े की परंपरा के अनुसार ममता कुलकर्णी का नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरि रखा गया. किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने कहा कि ममता नंद गिरी अब सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और मजबूती के लिए काम करेगी. पट्टाभिषेक कार्यक्रम में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर गर्गाचार्य मुचकुन्द पीठाधीश्वर स्वामी महेन्द्रानंद गिरि महराज, महामंडलेश्वर स्वामी जय अम्बा नंद गिरि, किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर स्वामी किरन नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी मनिकंडन महराज, महामंडलेश्वर ऋषिकेश नंद गिरी, महामंडलेश्वर श्रीमहंत धैर्यराज नंद गिरी सहित अन्य लोग थे.

महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की हुई तारीफ
जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य जी महाराज श्रृंगवेरपुर धाम ने कहा कि सनातन धर्म को और मजबूती प्रदान करते हुए उसका प्रचार-प्रसार करना जरूरी है, यह काम किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज कुशलतापूर्वक कर रहे हैं. वह जहां सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करते हुए उसको आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं समाज के लोगों को जोड़कर सनातन धर्म को नयी दिशा और ऊंचाई प्रदान कर रहे हैं.

कौन हैं एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी?
मुंबई के एक मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुई ममता कुलकर्णी ने 1992 में तिरंगा से अपनी शुरुआत की, 1993 में सैफ अली खान के साथ आशिक आवारा से उन्हें पहली हिट मिली. उसी साल उन्होंने फिल्म पत्रिका के साथ एक टॉपलेस फोटोशूट कराया. इससे उन्हें पॉपुलैरिटी मिली और 90 के दशक की सेक्स सिंबल की छवि बन गई. इसके बाद ममता ने वक्त हमारा है और क्रांतिवीर जैसी फिल्मों में अभिनय किया.
1994 में उन्हें सलमान खान और शाहरुख खान के साथ करण अर्जुन जैसी हिट फिल्म मिली और संजय दत्त और गोविंदा के साथ आंदोलन में काम किया. 1995 में उन्होंने आमिर खान के साथ एक फिल्म बाजी में भी लीड एक्ट्रेस की भूमिका निभाई.
इनपुट- प्रयागराज से पंकज श्रीवास्तव