मध्य प्रदेश के छोटे से गांव की बेटी बनी टीम इंडिया की रफ्तार, जानें कौन हैं इंडिया वर्ल्ड चैंपियन क्रांति गौड़
मध्य प्रदेश के छोटे से गांव घुवारा की क्रांति गौड़ ने पढ़ाई सिर्फ क्लास 8 तक की लेकिन मेहनत और हौसले के दम पर टीम इंडिया की तेज गेंदबाज बनकर वनडे में धूम मचा दी.

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मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का छोटा सा गांव घुवारा आज महिला क्रिकेटर क्रांति गौड़ के कारण पूरे देश में जाना जा रहा है, ये वही क्रांति हैं, जिन्होंने अपने गांव की गलियों से निकलकर टीम इंडिया की तेज गेंदबाजी तक का सफर तय किया. क्रांति छह भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं. उनके पिता पुलिस में कांस्टेबल थे और परिवार की आर्थिक स्थिति हमेशा चुनौतीपूर्ण रही. फिर भी बचपन से ही उन्हें क्रिकेट उनके सपनों में सबसे ऊपर था.

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जब बाकी बच्चे खेल-कूद में समय बिताते, क्रांति अपने घर के सामने के मैदान में लड़कों के साथ गेंदबाजी करती थीं. पिता की नौकरी जाने के बाद मुश्किलें और बढ़ गईं, लेकिन क्रांति ने कभी अपने सपने को कमज़ोर नहीं होने दिया. पढ़ाई की बात करें तो क्रांति की स्कूल की शिक्षा क्लास 8 तक ही रही. घर की आर्थिक तंगी बढ़ने के कारण उनके परिवार को रोज़मर्रा के खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया था. इस दौरान उनकी मां ने अपनी ज्वेलरी बेचकर उन्हें क्रिकेट में आगे बढ़ने का मौका दिया.

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क्रांति की क्रिकेट यात्रा का बड़ा मोड़ तब आया जब उनके पिता उन्हें कोच राजीव बिल्थारे के पास ले गए. राजीव ने पहली बार उनकी गेंदबाजी देखी और कहा, “इसमें दम है.” उन्होंने क्रांति को मुफ्त ट्रेनिंग दी और बैट, जूते, रहने का पूरा इंतजाम खुद संभाला.

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राजीव के मार्गदर्शन में क्रांति अपनी गेंदबाजी में तेजी और दमखम लाने में कामयाब हुई. जिला स्तर से राज्य स्तर तक का सफर आसान नहीं था, लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई. मैदान पर उनकी रफ्तार ने सबको आकर्षित किया और उनके सपनों को नई दिशा दी.
क्रांति की जिंदगी में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब उन्होंने महिला प्रीमियर लीग (WPL) में हिस्सा लिया. पहले वह मुंबई इंडियंस की नेट बॉलर थीं, लेकिन उनकी गेंदबाजी देखकर यूपी वॉरियर्स ने उन्हें 10 लाख रुपये के बेस प्राइस पर अपनी टीम में शामिल किया.

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आज क्रांति गौड़ न सिर्फ अपने गांव, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं. पढ़ाई सिर्फ क्लास 8 तक हुई है, लेकिन मेहनत, जुनून और लगन ने उन्हें टीम इंडिया की तेज गेंदबाज बना दिया. क्रांति की कहानी साबित करती है कि अगर हौसला और मेहनत साथ हों तो कोई भी मुश्किल रास्ता बड़ी उपलब्धियों तक नहीं रोक सकता.








