इस शहर के जिला अस्पताल की ऐसी बदहाली, मरीज खुद ही ICU में पंखा-कूलर लाने को मजबूर
Guna News: किसी भी अस्पताल में ICU वार्ड को सबसे ज्यादा व्यवस्थित और सुरक्षित माना जाता है, लेकिन गुना जिला अस्पताल के ICU की स्थिति बहुत बदतर है. यहां ICU वार्ड का हाल बेहाल है. AC की व्यवस्था तो दूर रही, कूलर पंखा भी नसीब नहीं हो पा रहे हैं. गुना अस्पताल में बदहाल व्यवस्था […]
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Guna News: किसी भी अस्पताल में ICU वार्ड को सबसे ज्यादा व्यवस्थित और सुरक्षित माना जाता है, लेकिन गुना जिला अस्पताल के ICU की स्थिति बहुत बदतर है. यहां ICU वार्ड का हाल बेहाल है. AC की व्यवस्था तो दूर रही, कूलर पंखा भी नसीब नहीं हो पा रहे हैं. गुना अस्पताल में बदहाल व्यवस्था के चलते मरीजों को अस्पताल में निजी कूलर-पंखे लाना पड़ रहा है.
जिला अस्पताल में यदि किसी मरीज को भर्ती होना है तो इसे कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा. मरीज को कूलर ,पंखे और पानी की व्यवस्था खुद करनी होगी. सुनने में बात अजीब से लगती है, लेकिन गुना जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं और बदहाली के चलते यही आलम है.
कूलर-पंखा घर से लाते हैं मरीज
गुना अस्पताल के ICU वार्ड का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वार्ड में भर्ती मरीज के लिए परिजन घर से कूलर और पंखा लेकर आये. मरीज 40 डिग्री तापमान की गर्मी में निजी कूलर पंखों के सहारे इलाज कराने को मजबूर हैं. जबकि ICU में एयर कंडीशनर की व्यवस्था कम्पलसरी होती है. मरीज के परिजनों ने बताया कि उन्होंने व्यवस्थाओं के लिए प्रबंधन से गुहार लगाई थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.
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अस्पताल की बदहाल तस्वीर
ऐसे ही हालात अस्पताल के अन्य वार्डों के भी हैं. भरी गर्मी में मरीजों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है. मरीज अपने घरों से पीने का पानी मंगवा रहे हैं. जिला अस्पताल में सरदार वल्लभ भाई पटेल निशुल्क दवा वितरण योजना के तहत कई तरह की दवाओं की शॉर्टेज है. मरीजों को अस्पताल के बाहर से महंगी दवाओं की व्यवस्था करनी पड़ती है. इसके अलावा ये भी आरोप है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को जो भोजन दिया जाता है उसमें सड़ी गली सब्जियों का उपयोग किया जाता है. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते व्यवस्थाएं भंग हो गई हैं.
निरीक्षण करते हैं मंत्री?
जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर जब भी गुना आते हैं अस्पताल का निरीक्षण जरूर करते हैं. निरीक्षण करने के साथ जरूरी दिशा निर्देश भी देते हैं .लेकिन अस्पताल प्रबंधन पर उन दिशा निर्देशों का कोई असर नहीं होता. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा. अस्पताल में पीने के पानी की कोई समस्या नहीं है. हालांकि वायरल वीडियो और तस्वीरें अलग ही सच्चाई बयां कर रही हैं.
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