BJP विधायक जजपाल सिंह जज्जी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, क्या अब बच जाएगी उनकी विधायकी
mp news: मध्यप्रदेश के अशोक नगर जिले से आने वाले बीजेपी विधायक जजपाल सिंह जज्जी को मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ से बड़ी राहत मिली है. यहां की डिवीजन बेंच ने आखिरकार जजपाल के जाति प्रमाण पत्र को सही मान लिया है जबकि पूर्व में एकलपीठ ने जाति प्रमाण पत्र को फर्जी माना था. विधायक […]
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mp news: मध्यप्रदेश के अशोक नगर जिले से आने वाले बीजेपी विधायक जजपाल सिंह जज्जी को मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ से बड़ी राहत मिली है. यहां की डिवीजन बेंच ने आखिरकार जजपाल के जाति प्रमाण पत्र को सही मान लिया है जबकि पूर्व में एकलपीठ ने जाति प्रमाण पत्र को फर्जी माना था.
विधायक जजपाल ने नट जाति का प्रमाण पत्र लगाकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था. उनके चुनाव जीतने के बाद कुछ लोगों ने उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए उसे कोर्ट में चुनौती दी थी. स्क्रूटनी कमेटी ने 2019 में विधायक जजपाल के नट जाति के प्रमाण पत्र को वैध ठहराया था. लेकिन स्क्रूटनी कमेटी के इस फैसले को बीजेपी के ही एक अन्य नेता लड्डूराम कोरी ने हाईकोर्ट में रिट अपील करके चुनौती दे दी थी.
हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस आहलूवालिया ने 2022 में स्क्रूटनी कमेटी के आदेश को सही नहीं माना और विधायक जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उनका चुनाव शून्य घोषित करने के आदेश दिए. जिसके बाद बीजेपी विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील की.
परिवार के बैकग्राउंड के आधार पर मिली राहत
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने विधायक जजपाल सिंह जज्जी के परिवार के बैकग्राउंड के आधार पर उनके नट जाति के प्रमाण पत्र को सही माना. कोर्ट के समक्ष बीजेपी विधायक यह साबित करने में सफल रहे कि उनका परिवार तकरीबन 100 साल पहले पंजाब से माइग्रेट होकर अशोक नगर आकर बसा था. जिसके आधार पर यह माना गया कि विधायक जजपाल सिंह जज्जी नट जाति के ही हैं. अब इस मामले में विधायक के खिलाफ हाईकोर्ट जाने वाले याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि वे चाहेंगे तो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी.
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