कांग्रेस को लगातार लग रहे झटके, अब कमलनाथ के सबसे खास विधायक के भी बीजेपी में जाने की संभावना

पवन शर्मा

कमलनाथ को अपने ही गढ़ में बड़ा झटका, अमरवाड़ा विधायक राजा कमलेश शाह हो सकते है बीजेपी में शामिल. कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने भी छोड़ी पार्टी.

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MLA Raja Kamlesh Shah
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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे कांग्रेस के कई बड़े-छोटे नेताओं के पार्टी को छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने की खबरें सामने आने लगी हैं. अब सबसे बड़ी खबर इस समय कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से आ रही है. यहां पर कमलनाथ के सबसे करीबी विधायक राजा कमलेश शाह के बीजेपी में शामिल होने की खबरें सामने आने लगी हैं. हालांकि अभी अधिकृत घोषणा नहीं हुई है लेकिन खबरें सामने आ रही हैं कि विधायक राजा कमलेश शाह अपनी पत्नी माधवी शाह के साथ भोपाल पहुंच गए हैं जहां अब से कुछ देर में दोनों को बीजेपी में शामिल कराया जा सकता है.

विधायक राजा कमलेश शाह की पत्नी माधवी शाह पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हैं और उनके भी बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. राजा कमलेश शाह को कमलनाथ का सबसे करीबी विधायक बताया जाता है. ऐसे में यदि विधायक राजा कमलेश शाह बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो ये खबर कमलनाथ और कांग्रेस के लिए बड़ा झटका देने वाली साबित होगी.

राजा कमलेश शाह छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से विधायक हैं और कमलनाथ के सबसे करीबी विधायकों में उनको गिना जाता रहा है. यदि वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाएंगे तो इससे आगामी लोकसभा चुनाव में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ के लिए इसे बड़ी चुनौती के रूप में माना जाएगा. कांग्रेस ने नकुलनाथ को छिंदवाड़ा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है.

इस कांग्रेस प्रवक्ता ने भावुक पत्र लिखकर दे दिया इस्तीफा

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने भी कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति से तंग आकर अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा एक भावुक पत्र को लिखकर दिया है. सिद्धार्थ राजावत ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि वे 1984 से कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं. 1988-89 में मैं एनएसयूआई से राजनीतिक सफर चालू किया और कई आंदोलन में भाग दिया. ग्वालियर से दिल्ली तक पदयात्रा करके प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी को ज्ञापन दिया, यूथ कांग्रेस में कई राष्ट्रीय अध्यक्षों के साथ कार्य किया. कांग्रेस पार्टी में रहते हुए वफादारी निभाते हुए सिंधिया राजघराने से डायरेक्ट लड़ाई लड़ी. लक्ष्मीबाई की समाधि को शुद्ध करवाया. प्रियंका गांधी के ग्वालियर आगमन पर गद्दार सिंधिया के पोस्टर रेडिंग लगाकर गद्दारों को सबक सिखाने की कोशिश की.

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 उक्त प्रकरणों के कारण मेरी निजी पैतृक संपत्ति को तोड़ने की आदेश किए गए. मेरे पिता की जमीन को सरकारी कर दिया गया. कांग्रेस पार्टी में रहते हुए अत्यंत यातनाओं को सहा फिर भी विचलित नहीं हुआ और सामने सीना तानकर लड़ता रहा परंतु जब कांग्रेस ही कांग्रेस के दुश्मन हो जाएं तब दुश्मनों से लड़ा जा सकता है पर घर के अंदर कैसे लड़ सकते हैं.

 मैं आदरणीय राहुल गांधी जी से आग्रह करूंगा कि मेरे जैसे और भी कई कार्यकर्ता है जो पार्टी के भीतर ही राजनीति का शिकार है तो कृपया करके इस पर संज्ञान लें और इस व्यवस्था को दुरुस्त करें.

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